राकेश द्विवेदी की रिपोर्ट :
संतकबीर नगर : किसान भाइयों का हालत काफी बदतर नजर आ रहा है किसान भाई जहां धान की कटाई कर उसको सरकारी क्रय केंद्रों उचित समर्थन मूल्य पाने के लिए बेचना चाहते हैं वही अभी भी क्रय केंद्रों पर खरीददारी प्रारंभ नहीं हो सका है, जिससे किसान(रवि फसल) गेहूं जो आलू आदि की बुवाई के लिए समय से लागत का इंतजाम नहीं कर पा रहे हैं अपने धान को बिचौलिए बनियों को ओने पौने दाम पर बेच रहे हैं। केंद्र व राज्य सरकार जहां बार बार किसानों का साथ देने का आश्वासन दे रहे हैं क्या ऐसी ही स्थित चलती रहेगी ? ओने – पौने दाम पर अपने अनाज को किसान बनिए को दे दे रहे हैं। इससे किसान मजबूत होंगे ?
अभी भी कुछ किसान यह आस लगाए हुए हैं क्रय केंद्र प्रारंभ होगा तभी हम रबी फसलों की बुवाई करेंगे। रबी फसलों की बुवाई के लिए किसान जहां फसलों की कीमत बुवाई के लिए बीज, डीएपी, यूरिया, अन्य उर्वरक को खरीदने के लिए इधर उधर पैसे की व्यवस्था में लगे हैं लेकिन अभी भी वह अपने ध्यान को क्रय केंद्रों पर नहीं भेज पा रहे हैं। जिससे हालत यह होगा कि रवि की फसलों में बुवाई देरी से होगा और फसलों का नुकसान होगा इसका जिम्मेदार कौन?
जहां भारत सरकार किसानों को सभी सुविधाएं उपलब्ध करा कर के देश को मजबूत करना चाहती है वहीं पर यह बिचौलिए और जिम्मेदार अधिकारी सरकार के मंसूबों पर पानी फेरने का काम कर रहे हैं। ऐसे में कैसे साकार होगा सरकार का सपना।