नई दिल्ली : मध्य-प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए चुनावी रणक्षेत्र पूरी तरह से सज कर तैयार हो चूका है और एक दूसरे को मात देने के लिए राजनीतिक पार्टियों ने रणनीति तेज़ कर दी है। मध्य-प्रदेश में 15 सालों से सत्ता में काबिज बीजेपी एक बार फिर विकास और सुशासन के दम पर सत्ता में वापसी करना चाहती है वहीँ विपक्षी पार्टियां सत्ता विरोधी लहर को मुद्दा बनाकर बीजेपी को सत्ता से बेदखल करना चाहती है। इसी क्रम में प्रदेश में चुनावी अभियान का आगाज़ करने मोदी-शाह की जोड़ी मध्य-प्रदेश पहुँच चुकी है।
हाल ही में आए एससी-एसटी एक्ट के बाद भाजपा कार्यकर्ता कहीं सुस्त न पड़ जाएं, यही सोचकर भाजपा ने अपने दोनों सबसे बड़े स्टार कैंपेनर को बुलाया है। भाजपा ने इस मेगा शो को कार्यकर्ता महाकुंभ का नाम दिया है। राज्य में करीब 65 हजार पोलिंग बूथ हैं। पार्टी ने हर बूथ से 20 कार्यकर्ता बुलाए हैं। 10 लाख कार्यकर्ताओं के आने की उम्मीद जताई जा रही है। इसके लिए भोपाल के जंबूरी मैदान पर भव्य और आलीशान व्यवस्था की गई है।
नौ स्पेशल ट्रेनें बुक की गई हैं। 12 हजार बसें भी अपनी सेवाएं देंगी। हजारों लोग अपने निजी वाहनों से आएंगे। करीब 4 लाख लोगों को 24 घंटे पूड़ी, सब्जी और छोले का इंतजाम रहेगा। 25 आईपीएस अफसरों के साथ करीब आठ हजार सुरक्षाकर्मी तैनात रहेंगे। भाजपा का दावा है कि यह कार्यकर्ता महाकुंभ विश्व के किसी भी राजनीतिक दल का सबसे बड़ा आयोजन होगा। पूरे आयोजन पर 50 से 100 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है।
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