नई दिल्ली : हिमाचल-प्रदेश में तीन दिनों तक हुई भारी बारिश हालाँकि थम गई है, लेकिन लोगों की मुसीबतें अब भी कम नहीं हुई है। भारी बारिश के कारण कई इलाकों में बाढ़ जैसे हालात हैं, जिससे कई लोग अलग-अलग इलाकों में फंसे हुए हैं। कई इलाकों में लगभग 1500 लोग फंसे हुए हैं, जिन्हें निकालने के लिए रेस्क्यू अभियान जोर-शोर से चलाया जा रहा है।
बर्फबारी से केलांग से सरचू तक 70 बौद्ध भिक्षुओं समेत करीब 300 लोग फंसे हैं। चंद्रताल झील देखने गए आईआईटी मंडी के पांच छात्र और चंबा के होली में खेलकूद प्रतियोगिता में भाग लेने गए 816 छात्र-छात्राओं समेत 1200 लोग फंसे हुए हैं।
कुल्लू में रविवार रात को 1000 लोगों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया गया है। रोहतांग और अन्य इलाकों में फंसे 200 ट्रैकरों, ऊझी घाटी के शनाग में केरल, पंजाब और चेन्नई के पर्यटकों को मनाली पहुंचाया गया है। जिले के वामतट का 200 मीटर हिस्सा भी बह गया है।
दूसरी ओर, 150 सड़कें और एनएच बाधित होने से चंबा जिला शेष विश्व से कट गया है। यहां दूध, अंडा, ब्रेड और अखबार जैसी रोजमर्रा की वस्तुएं नहीं पहुंच पाईं। कुल्लू, चंबा, किन्नौर, लाहौल-स्पीति, ऊना, हमीरपुर, सिरमौर और कांगड़ा जिले के स्कूलों में दूसरे दिन मंगलवार की भी छुट्टी है।