अनेश कुमार की रिपोर्ट :
एटा : डीएम आई0पी0 पाण्डेय ने परिवार नियोजन के तहत जनपद की प्रगति खराब पाये जाने पर कड़ी नाराजगी जताई है। उन्होंने परिवार नियोजन से जुड़े अधिकारियों, कर्मचारियों को हिदायत दी है कि जनपद की प्रगति में सुधार किया जाए, अन्यथा की स्थिति में संबंधित के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जाएगी। परिवार नियोजन के तहत अधिकारी और कर्मचारी गंभीरता के साथ कार्य करें, विकासखण्ड स्तर पर भी कोई कार्य नहीं हुआ है, इससे यह स्पष्ट है की जिले के प्रदर्शन पर कोई भी ध्यान न देते हुए सुधारात्मक कदम अभी तक नहीं उठाया गया है. परिवार नियोजन में सबसे बड़ी भूमिका गांव स्तर पर कार्य कर रही आशा और ए.एन.एम की है लेकिन इन कर्मियों को जागरूक करने वाले जिम्मेदार डीसीपीएम, बीसीपीएम अभी भी जैसे सोये हुए है।
जिलाधिकारी आई0पी0 पाण्डेय ने मुख्य चिकित्साधिकारी को निर्देश निर्गत करते हुए कहा कि जनसंख्या वृद्धि हमारे देश और प्रदेश की सबसे बड़ी समस्या है, इसकी वजह से ही देश में अनेकां समस्याओ का जन्म हुआ है, ध्यान न देने की वजह से हमारी माता बहने बार-बार न चाहते हुए भी गर्भवती हो रही है, जिससे मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में सुधार नहीं हो रहा है एवं कुपोषित बच्चो की संख्या भी बढ़ रही है। उक्त स्थिति को गंभीरता से लेते हुए कार्य योजना के आधार पर परिवार नियोजन नियत सेवा दिवसों की योजना बनाई है। जिसके अन्तर्गत 3 दिसम्बर को महिला नसबंदी हेतु जलेसर, जैथरा, महिला चिकित्सालय एवं 4 दिसम्बर को महिला नसबंदी हेतु सकीट, अवागढ़, मिरहची, जिला महिला चिकित्सालय तथा पुरूष नसबंदी हेतु 3 एवं 4 दिसम्बर को जिला पुरूष चिकित्सालय में सेवा दिवसों का आयोजन किया जाएगा।
जिलाधिकारी ने बताया कि सबसे आसान विधि पुरुष नसबंदी है क्योकि यह एक बिना चीरा टाका का एक छोटा सा ऑपरेशन है, जिसमें 5 मिनट से भी कम समय लगता है। इस विधि को कराने के बाद पुरुष तुरंत ही अपने सभी जरुरी काम कर सकता है, यह विधि परिवार के प्रति पुरुष की जिम्मेदारी को भी बताता है तथा पुरुष नसबंदी कराने पर सरकार द्वारा लाभार्थी को 4000 रुपये और प्रेरक को 400 रुपये उसके खाते में दिए जाते है। सरकार द्वारा इस योजना का अधिक से अधिक लाभ उठाया जाए, साथ ही ग्रामीण अंचल में रहने वाले व्यक्तियों को जागरूक किया जाए।