नई दिल्ली : 2012 में दिल्ली में हुए गैंग रेप केस (Delhi Gang Rape Case) को 8 साल बीत चूका है, लेकिन अब भी लोगों को इंतजार है तो इस मामले में इन्साफ (Justice) का। जी हाँ, इस जघन्य कांड को अंजाम देने वाले दरिंदों को फांसी पर लटकते हुए पूरा देश देखना चाहता है, लेकिन कोर्ट की तारीख पर तारीख के कारण लोगों को हर बार निराशा ही हाथ लग रही है। बता दें कि दोषियों के खिलाफ जो डेथ वारंट (Death Warrant) जारी हुआ था, उसके मुताबिक 3 मार्च को चारों दोषियों को फांसी के फंदे पर लटकाया जाना था, लेकिन 12 घंटे पहले स्पेशल कोर्ट (Special Court Delhi) ने डेथ वारंट पर रोक लगा दिया। ये तीसरा मौका है, जब निर्भया केस (Nirbhaya Case Update) के दोषियों की फांसी पर रोक लगाया गया है।
Nirbhaya Case Update : शाम तक दोषियों की फांसी पर बना रहा सस्पेंस
डेथ वारंट रद्द होने से पहले सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने निर्भया केस (Nirbhaya Case) के दोषी पवन की क्यूरेटिव पिटीशन (Curative Petition) को ख़ारिज कर दिया था, जिसके बाद ऐसा लग रहा था कि दोषियों को 3 मार्च को फांसी हो जाएगी, लेकिन इस पुरे मामले में शाम होते ही नया मोड़ तब आ गया, जब दोषियों के वकील पटियाला हाउस कोर्ट (Patiala House Court) पहुंच गए और कहा कि पवन ने राष्ट्रपति (President of India) के पास दया याचिका (MERCY PETITION) भेजी है, जो लंबित है। ऐसे में डेथ वारंट को रद्द किया जाना चाहिए।
Death Warrant रद्द किये जाने पर क्या कहा कोर्ट ने ?
एपी सिंह (A.P.Singh) की दलीलों पर कोर्ट ने कहा कि हमारा विचार है कि सजायाफ्ता मजुरिम (Convicted) को मौत के वक्त यह एहसास नहीं होना चाहिए कि देश की अदालतों ने सही ढंग से काम नहीं किया और उन्हें उनके न्यायिक अधिकारों का इस्तेमाल करने नहीं दिया गया। राष्ट्रपति के पास दोषी की दया याचिका लंबित है, इसलिए 2 मार्च 2020 को सुबह 6 बजे दोषियों को होने वाली फांसी अगले आदेश तक रोकी जा रही है।
Death Warrant रद्द होने पर बिफर पड़ी निर्भया की माॅं
तीसरी बार डेथ वारंट रद्द होने पर निर्भया की माँ (Mother Of Nirbhaya) बिफर पड़ी और न्यायिक प्रणाली पर जमकर भड़ास निकाली। उन्होंने कहा कि फांसी के सजा से बचने के लिए दोषी नए-नए पैंतरे आज़मा रहे हैं, लेकिन कोर्ट और सरकार चुपचाप ये सब देख रही है। उन्होंने कहा कि फांसी का लागातार टलना हमारे सिस्टम की विफलता है और ये साबित करता है कि हमारी न्याय व्यवस्था अपराधियों को सपोर्ट करती है।