माय सेल्फ डॉ मशहूर गुलाटी : एसएसजी, ‘एसएसजी बोले तो सिमिलर सुनील ग्रोवर’

लखनऊ : जिंदगी में अगर हंसी और खुशी ना हो तो जिंदगी नीरस हो जाती है। नीरस से मतलब जिसमें कोई रस ना हो, ऐसे में जीवन कठिन और लंबा लगने लगता है। नीरस जीवन को रसमयी बनाने के लिए खासा महत्व होता है एंटरटेनमेंट का, और उसमें भी अगर बात हो हास्य कलाकारों की तो वह जीवन में एक नया रंग भर देते हैं। ऐसा ही काम एक निजी चैनल पर ‘द कपिल शर्मा शो’ मैं हास्य कि दुनिया के बड़े कलाकार सुनील ग्रोवर करते आए हैं और उन्होंने अपना एक अलग मुकाम भी बनाया है।

माया नगरी मुंबई में डुप्लीकेट का भी बहुत चलन है या यूं कहें डुप्लीकेसी का समूचे भारत में अलग ही महत्व है। टीवी पर यूं तो सुनील ग्रोवर को खूब सराहा गया है चाहे वह डॉक्टर गुलाटी बने हों, गुत्थी बने हों या फिर रिंकू भाभी के साथ साथ अन्य किरदारों में नजर आए हों। जाहिर है ऐसे में मार्केट में उनके डुप्लीकेट्स का आना भी लाजमी था और इन्हीं में से एक हैं महाराष्ट्र के श्रीकांत नायडू जिन्होंने अपने गुजर बसर के लिए इस व्यवसाय को चुना और आज वह भी सुनील ग्रोवर का किरदार निभाते नजर आते हैं फर्क सिर्फ यह है कि बाकी सब डुप्लीकेट या जूनियर सुनील ग्रोवर के नाम से जाने जाते हैं जबकि अपनी कड़ी मेहनत और लग्नशीलता से श्रीकांत नायडू बन गए हैं ‘डॉक्टर मशहूर गुलाटी एसएसजी’

जी हां,सुनील ग्रोवर अपने इस किरदार में कुछ इसी अंदाज में अपना परिचय देते हैं, तो भला उन्हीं के किरदार को निभाने वाले श्रीकांत कैसे पीछे रह जाते,अब आप जरा इस परिचय को गौर से समझे कि आखिर मशहूर डॉक्टर गुलाटी श्रीकांत नायडू के पीछे लगे इस ‘ एस एस जी’ जो कि उनका तकिया कलाम है उसका मतलब क्या है, मतलब है सिमिलर.सुनील. ग्रोवर बोले तो ‘एस एस जी’

आपको बता दें कि अन्य कलाकार जो सुनील ग्रोवर को कॉपी करते हैं वह जूनियर और डुप्लीकेटस कहलाते हैं लेकिन श्रीकांत नायडू सिमिलर इसलिए बन गए क्योंकि जब वह एक कार्यक्रम में अपनी परफॉर्मेंस दे रहे थे तब स्वयं सुनील ग्रोवर उन्हें देखकर दंग रह गए। परफॉर्मेंस समाप्त होने के बाद सुनील ग्रोवर ने श्रीकांत नायडू को अपने पास बुलाया, ऊपर से नीचे तक निहारा और बड़े ही मजाकिया अंदाज में कहा ‘ओह माय गॉड!मुझे तो विश्वास ही नहीं हो रहा कि कोई इतना सिमिलर भी हो सकता है’ यह अंदाज-ए-बयां स्वयं सुनील जी का गुत्थी स्टाइल था इसके बाद तारीफ करते हुए सुनील ग्रोवर ने श्रीकांत नायडू से कहा ‘दर्शक मेरे फैन हैं और आज से मैं तुम्हारा फैन हो गया हूं, बहुत लोग मुझे कॉपी करते हैं लेकिन तुम सिमिलर करते हो तब से श्रीकांत नायडू बन गए डॉक्टर मशहूर गुलाटी (एस एस जी)

इस एसएसजी की उपाधि लिए बने हास्य के डॉक्टर श्रीकांत नायडू से मुलाकात कर कुछ खास बातचीत की हिंदुस्तान हेडलाइंस द्वारकेश बर्मन ने, पेश है बातचीत के कुछ खास अंश।

द्वारकेश बर्मन :- श्रीकांत नायडू जी हिंदुस्तान हेडलाइंस में आपका स्वागत है

श्रीकांत नायडू :- ‘ओह माय गॉड- माय गुडनेस’ मैं तो इस अभिवादन को देख कर खुशी से फूली नहीं समा रही’ ( गुत्थी स्टाइल)

द्वारकेश बर्मन :- श्रीकांत जी बताएं हास्य की दुनिया में अपनी कलाकारी का लोहा तो मनवा ही चुके हैं यह शुरुआत कब और कहां से हुई ?

श्रीकांत नायडू :- आज से लगभग 10 साल पहले मैंने सुनील ग्रोवर जी को कॉपी करना शुरू किया हालांकि उसे पहले ही में हास्य की दुनिया में कदम रख चुका था, मैंने मिमिकरी आर्टिस्ट, वॉइस ओवर आर्टिस्ट बतौर और बहुत काम किया है। इसके अलावा यूट्यूब वीडियो, जिंगल एड और कई धारावाहिकों में बतौर करैक्टर आर्टिस्ट भी काम किया है।

द्वारकेश बर्मन:- बहुत खूब! सबसे पहले आपकी शुरुआत कैसे हुई?

श्रीकांत नायडू:- बतौर हास्य कलाकार या जीविकोपार्जन हेतु क्या जानना चाहते हैं आप?

द्वारकेश बर्मन:- जाना तो सब कुछ चाहेंगे पर आप एक एक कर दोनों बता दें… जहां से भी आप शुरू करना चाहें?

श्रीकांत नायडू:- मैंने अपने जीवन में बहुत मेहनत की है दरअसल हालात ही कुछ ऐसे थे मैंने स्कूल टाइम पर पढ़ने के लिए खुद पैसे जुटाने होते थे इसलिए मैं चाय के ठेले पर चाय बेचा करता था और लोगों के झूठे कप उठाता और उन्हें धोखा भी था जिसके एवज में मुझे बीस रुपये प्रतिदिन और खाने को एक बड़ा पाव मिलता था, यहां तक की स्कूल ड्रेस भी दूसरों की उतरन होती थी। इसके बाद मैंने रिक्शा चलाया, सेल्समैन का काम किया, और फिर पढ़ लिखकर कॉल सेंटर में बतौर टेलीकॉलर एग्जीक्यूटिव काम किया। हां मैंने कैटरिंग में बतौर वेटर और पेपर बेचने यानी न्यूज़ पेपर हॉकर का भी काम किया है। आज भी मेरे पास में रखा हॉकर कार्ड मुझे जमीन से जुड़े रहने की प्रेरणा देता है। मुझे आज भी याद है मेरी पहली पगार 20 रुपये और वडा पाव थी, दूसरी पगार 600 रुपये महीना थी जो की पहली वाली के बराबर ही थी बस वडा पाव खत्म हो चुका था और काम का स्वरूप भी बदल चुका था।

काम का चरित्र बदलता रहा और मैं आगे बढ़ता रहा जिसके बाद में कॉल सेंटर में जॉब करने लगा और अब मेरी पगार बढ़कर 4000 रुपये हो चुकी थी वह भी तब जब मुझे डबल शिफ्ट करनी पड़ती थी। कुल मिलाकर 22 सालों का वह सफर बहुत कुछ सिखा गया, जिंदगी जीना, मेहनत करना ,आगे बढ़ना और दुनिया में चेहरे के पीछे छिपे चेहरे को पहचानना आदि बहुत कुछ और हां उस समय ने यह भी सिखाया कि जब आप मुफलिसी और तंगहाली में जीते हैं तब आप की मदद करने कोई नहीं आता और जब आपके पास नाम,पहचान और पैसा होता है तब सभी को आपसे जुड़ना दोस्ती और रिश्तेदारी निभाना याद आ जाता है।

द्वारकेश बर्मन:- आपके परिवार के बारे में जानने की उत्सुकता बढ़ गई है लेकिन पहले आप यह बताकर अपनी बात पूरी करें कि आप हास्य कलाकार कैसे बने?

श्रीकांत नायडू:- जब मैं कॉल सेंटर में काम कर रहा था तब मुझे फिल्म इंडस्ट्री में काम करने का पहला अवसर मिला। शायद के लोग तो पहले से ही कहते थे क्यों ने मेरे अंदर एक कलाकार नजर आता है, बस फिर क्या था मैंने कंपनी से 1 महीने की छुट्टी ली और ऑफर कबूल करते हुए निकल गया इस विधा में अपना हाथ आजमाने। उस दौरान मैंने धारावाहिक में कई अलग अलग किरदार निभाये, फिल्मी चकाचौंध के बीच एक नए स्ट्रगल का दौर था उसी दौरान मैंने वॉइस ओवर आर्टिस्ट,मिमिक्री आर्टिस्ट, बतौर डबिंग की एड फिल्म्स व शॉर्ट फिल्म्स की मुझे याद है कि मुझे मेरा पहला काम एक स्थानीय निर्माता ने अपने धारावाहिक नटखट राजू में छोटे चुलबुले टीनएजर बच्चे का किरदार देकर करवाई थी। करते करते मैं इंडस्ट्री के साथ साथ इवेंट इंडस्ट्री से जुड़ गया और अब सोशल, कॉरपोरेट, प्रमोशनल और वेडिंग इवेंट करने लगा और कॉल सेंटर को कब पीछे छोड़ आया पता ही नहीं चला। बस यूं कहिए जिंदगी के समुद्र में जब जिधर की लहर उठी मैं उसी दिशा में बह निकला और आगे बढ़ता गया इसी वजह से मैं आज आपके सामने हूं।

द्वारकेश बर्मन:- कुछ अपने परिवार के बारे में बताएं?

श्रीकांत नायडू:- मैं आज एक मध्यमवर्गीय परिवार से आता हूं जो कि शुरुआती दौर में थोड़ा सा मुफलिसी से जूझ रहा था, मेरी माता जी हाउसवाइफ है, पिताजी बिजनेसमैन हम चार भाई बहन हैं जिसमें दो भाई और दो बहनें है।

द्वारकेश बर्मन:- आपका हौसला सबसे ज्यादा कब बंद हुआ जवाब कला के क्षेत्र में काम कर रहे थे?

श्रीकांत नायडू:- मेरा हौसला नवीन प्रभाकर जी के शो हैलो कौन पहचान कौन में जब मैं काम कर रहा था तब बड़ा था।

द्वारकेश बर्मन:- कुछ अपने हुनर के बारे में बताएं?

श्रीकांत नायडू:- जी क्या बताऊं सब कुछ तो लगभग बता ही दिया मैंने, अदाकारी की है,वॉइस ओवर किए हैं तकरीबन 70 अवाज़ों में मिमिक्री कर लेता हूं जूनियर से लेकर सीनियर आर्टिस्ट तक पुराने कलाकारों से लेकर नए तक जिसमें संजय दत्त,नाना पाठेकर, फरहान अख्तर,शाहिद कपूर, सैफ अली खान,सलमान खान, शाहरुख खान, आमिर खान मिथुन चक्रवर्ती, अनु मलिक, सनी देओल,धर्मेंद्र,जीतेंद्र, इरफान खान,राजपाल यादव, शक्ति कपूर, जॉनी लीवर,सुरेंदर, सुनील ग्रोवर जी, भारती सिंह,अभिजीत सावंत, सुनील पाल, जेमी लीवर, सुदेश लहरी,गोविंदा अहमद कुरेशी,राजू श्रीवास्तव को दर्शकों द्वारा खासा पसंद किया जाता है और भी बहुत सी आवाज़ें कर लेता हूं और बहुतों पर काम जारी है।

द्वारकेश बर्मन:- इंडस्ट्री में लोग गुमराह किए जाते हैं, कास्टिंग काउच और मीटू पर आप क्या कहेंगे?

श्रीकांत नायडू:- जी हां बिलकुल होता है शुरुआती दौर में ऑडिशन के नाम पर मुझसे बतौर मिमिकरी आर्टिस्ट और वॉइस ओवर आर्टिस्ट पूरी पूरी फिल्म में दबकर वाली गई। कास्टिंग काउच होता है यह दुर्भाग्यपूर्ण है किंतु यहां कोई जबरदस्ती नहीं होती बस आपकी सहमति पूछी जाती है जिसके बदले आपको काम और पगार ऑफर की जाती है और जरूरी नहीं यह सिर्फ महिलाओं के साथ हो यह पुरुषों के साथ भी होता है आपको करना है या बचना है यह आपका निर्णय होता है। बात नही मी टू मूवमेंट की तो कई बार लोगों ने मुझे रिंकू भाभी और गुत्थी के किरदार को करता देख काउच करने की कोशिश की उस हिसाब से मैं भी मी टू मोमेंट का हिस्सा बनकर मिठू मिठू खेल सकता हूं पर मेरे हिसाब से यह व्यर्थ की बात है क्योंकि जब जबरदस्ती होती ही नहीं तो मी टू कैसा।

द्वारकेश बर्मन:- मेहनत से पाया इस मुकाम में अब खुद को कहां पाते हैं?

श्रीकांत नायडू:- पहले मैं काम के पीछे भागता था, अब काम मुझे गले लगाता है, पहले कोई चॉइस नहीं होती थी, अब बहुत से ऑप्शन है। मैंने सुनील ग्रोवर (गुरु जी) को कॉपी किया और अपना नाम बनाया और अब लोग मुझे कॉपी करते हैं पर यह मुकाम काफी नहीं ‘ मंजिलें और मुकाम और भी हैं- इस जहां के बाद जहान और भी हैं, कुल मिलाकर द शो मस्ट गो ऑन एंड ऑन फॉरएवर’

द्वारकेश बर्मन:- आप डॉक्टर बने,मशहूर सुनील ग्रोवर जी वाले किरदार डॉक्टर गुलाटी मैं आपको एस एस जी की डिग्री कब और कैसे मिली?

श्रीकांत नायडू:- आईपीएल मैच के दौरान एक बार सुनील ग्रोवर जी से पहली मुलाकात संभव हुई उन्होंने मेरा काम देखा और प्रभावित होकर बोले ‘ओह माय गॉड यह तो सिमिलर सुनील ग्रोवर है बस तभी से बन गया (एस एस जी) सुनील ग्रोवर (गुरुजी) मेरे काम से इतना प्रभावित हुए और कहां की दर्शक मेरे फैन हैं और आपसे मैं तुम्हारा फैन हो गया हूं। सुनील जी ने भावुक होकर खुशी के आंसुओं के साथ यह बात कही थी।

द्वारकेश बर्मन:- अब तक आपने कितने स्टेज शो किए हैं और कोई ऐसा काम जिसे अटपटा कहा जा सके?

श्रीकांत नायडू:- मैं अब तक हजारों की संख्या में इवेंट कर चुका हूं,मैंने तो गिनती करना भी छोड़ दिया है। अटपटा काम… हां मैंने शुरुआती दौर में कई बार रेल और बसों में बिना टिकट सफर किया है।

द्वारकेश बर्मन:- सुनील जी के अलावा आपको और किसी सेलिब्रिटी से कॉन्प्लीमेंट मिला कभी?

श्रीकांत नायडू:- जी हां मुझे किशोर भानूशाही जी ने कहा यह सच का सुनील है। ईजाज खान साहब ने काम देख कर कहा और सुनील कैसे हो। हूमा खान और नवीन प्रभाकर जी कहते हैं गुत्थी मेरी बहू है, अनुराग पांडे और सुरेंद्र पाल जी ने कई बार हैट्स ऑफ कहा, और महेश मंडल जी ने काम देख कर खूब ब्लेसिंग दी हैं। सुनील पाल जी भी मुझे बहुत प्यार करते हैं।

द्वारकेश बर्मन:- आपके आगामी सोया कार्यक्रम जिनके बारे में आप बताना चाहें?

श्रीकांत नायडू:- मुंबई में तो काम बहुत मिलता रहा है अब बाहरगांव देश भर से काम मिलने लगा है इसके साथ ही अब मैं फोन में भी काम करने जा रहा हूं जिसमें थाईलैंड,फुकेट,पताया, लंदन,सिंगापुर,पैरिस आदि में मुझे जाना है डेट बुक हो चुकी हैं। काम करके आने के बाद जल्द ही फोटो वीडियो अपने शोशल हैंडल पर शेयर करूंगा।

द्वारकेश बर्मन:- आपने हिंदुस्तान हेडलाइंस को समय दिया उसके लिए धन्यवाद।

श्रीकांत नायडू:- अब आप औपचारिकता निभा कर शर्मिंदा कर रहे हैं। धन्यवाद तो हमारा बनता है।

इस प्रकार हिंदुस्तान हेडलाइंस से वार्ता करते हुए श्रीकांत नायडू ने बड़ी बेबाकी से अपने जीवन, मेहनत और काम पर प्रकाश डाला। आपको बता दें कि सोशल कॉरपोरेट, वेडिंग व अन्य इवेंट और आयोजनों में आजकल सेलिब्रिटी परफॉर्मेंस का खासा चलन है। किंतु जिसके पास बड़ा बजट नहीं होता वह छोटे यानी जूनियर और डुप्लीकेट्स को बुलाते हैं ऐसे में यदि आपके बजट में सिमिलर आर्टिस्ट आ जाए तो कहने ही क्या तो आप भी श्रीकांत नायडू से अगर सुनील ग्रोवर के तीनों अवतार रिंकू भाभी,गुत्थी और डॉक्टर गुलाटी समेत बतौर मिमिकरी आर्टिस्ट 70 कलाकारों को देखना चाहते हैं तो फिर सोशल हैंडल्स पर आप श्रीकांत नायडू से मुखातिब हो सकते हैं।

आज के इस अंक में बस इतना ही आगामी अंको में फिर अपने पाठकों को रूबरू करवाएंगे एक और शख्सियत के साथ।

About Kanhaiya Krishna

Check Also

Being Musical Records के बैनर तले बना Punjabi Song Kaali Bindi कल हो रहा है रिलीज़

Punjabi Song Kaali Bindi : Being Musical Records का बहुप्रतीक्षित Punjabi Song Kaali Bindi कल …

Ranji Trophy 2021-22, FINAL: मध्य प्रदेश ने रचा इतिहास, मुंबई को 6 विकेट से हरा पहली बार बनी रणजी चैंपियन

रणजी ट्रॉफी का फाइनल मुकाबला मध्य प्रदेश और मुंबई के बीच खेला गया। जहां 41 …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *