नई दिल्ली : नोटबंदी के दो साल बीत जाने के बाद इस मामले को लेकर जारी तकरार कम होने का नाम नहीं ले रही है। एक तरफ जहाँ बीजेपी इसे ऐतहासिक फैसला बता रही है, वहीँ कांग्रेस सहित तमाम विपक्षी दल मोदी सरकार के इस कदम को देश की अर्थव्यवस्था चौपट करने वाला कदम बता रहे हैं। बता दें कि दो साल पहले 8 नवंबर को मोदी सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए 500 और 1000 के नोट को चलन से बाहर कर दिया था।
नोटबंदी के दो साल बीत जाने के बाद इस मुद्दे को लेकर कांग्रेस मोदी सरकार को घेरने में जुटी है। इस मुद्दे को लेकर आज कांग्रेस देश भर में प्रदर्शन कर रही है। कांग्रेस कार्यकर्ता आज आरबीआई मुख्यालय पर धरना देंगे। कांग्रेस ने नोटबंदी को सरकार का विनाशकारी फैसला बताया है।
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने नोटबंदी के दो साल पूरा होने के मौके पर बृहस्पतिवार को आरोप लगाया कि यह एक ऐसा ‘क्रूर षड्यंत्र’ था जिसके तहत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘सूट-बूट वाले मित्रों’ के कालेधन को सफेद किया गया। गांधी ने यह भी कहा कि इस ‘घोटाले’ में सबकुछ सोच-समझकर किया गया और इसके अतिरिक्त नोटबंदी का कुछ दूसरा मतलब निकालना देश की समझ का अपमान है।
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने नोटबंदी के दो साल पूरे होने के मौके पर बृहस्पतिवार को नरेंद्र मोदी सरकार की आर्थिक नीतियों पर प्रहार किया और कहा कि अर्थव्यवस्था की “तबाही’ वाले इस कदम का असर अब स्पष्ट हो चुका है तथा इसके घाव गहरे होते जा रहे हैं। सिंह ने एक बयान में यह भी कहा कि मोदी सरकार को अब ऐसा कोई आर्थिक कदम नहीं उठाना चाहिए जिससे अर्थव्यवस्था के संदर्भ में अनिश्चितता की स्थिति पैदा हो।
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