नई दिल्ली : एक तरफ जहाँ विपक्षी पार्टियां 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को घेरने की तयारी में जुटी है, वहीँ बीजेपी ‘नामकरण’ के राजनीति के जरिये विपक्ष के रणनीतियों को धूल चटाने की कोशिशों में जुटी है। बीते दिनों यूपी की योगी सरकार द्वारा इलाहाबाद का नाम बदलकर प्रयागराज कर दिया गया, जिसके बाद छोटी दिवाली पर सीएम योगी ने फैज़ाबाद जिले का नाम बदलकर अयोध्या किये जाने की घोषणा कर दी। इतना हीं नहीं गुजरात की रुपानी सरकार ने अहमदाबाद का नाम बदलने की भी घोषणा कर दी है। इसी बीच तेलंगाना में विधानसभा चुनाव को देखते हुए बीजेपी ने बड़ा दांव चला है। बीजेपी ने वादा किया है कि अगर तेलंगना में उनकी सरकार बनी तो हैदराबाद का अनामा भी बदल दिया जायेगा।
दरअसल भाजपा नेता राजा सिंह ने कहा कि अगर तेलंगाना में भाजपा की सरकार बनती है तो हमारा उद्देश्य हैदराबाद का नाम बदलना होगा। इसके अलावा प्रदेश के अन्य शहरों के नाम बदलना भी हमारा उद्देश्य होगा। सत्ता में आने के बाद हमारा पहला उद्देश्य विकास होगा।
हमारा दूसरा उद्देश्य प्रदेश के शहरों के नाम बदलना होगा और शहरों के नाम बदलकर उनके नाम पर रखेंगे जिन्होंने हमारे देश, धार्मिकता और तेलंगाना के लिए काम किया है। सिंह ने आगे कहा कि 16 वीं शताब्दी के दौरान इस क्षेत्र पर शासन करने वाले कुतुब शाहियों ने भाग्यनगर का नाम बदलकर हैदराबाद कर दिया था। हम अन्य स्थानों के नाम भी बदलेंगे जिनमें सिकंदराबाद और करीमनगर भी शामिल हैं।
सिंह ने गुरुवार को एआईएमआईएम अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी द्वारा दिए गए भाजपा अध्यक्ष अमित शाह एक “मुस्लिम मुक्त” भारत चाहते हैं वाले बयान का भी जवाब दिया। उन्होंने कहा कि मुसलमानों को ओवैसी पर विश्वास नहीं करना चाहिए, ये अक्सर तेलंगाना के खिलाफ बात करते हैं। बता दें कि तेलंगाना में 7 दिसंबर को विधानसभा चुनाव होने वाले हैं।
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