कटिहार से विक्की कुमार की रिपोर्ट :
कटिहार: अरबीएचएम जुट मिल खुलवाने को लेकर सर्वदलीय महाधरना
कटिहार, 23 दिसम्बर (आ.द.)। कटिहार का आरबीएचएम जुट मिल वर्षों से मिल प्रशासन की उदासीनता के कारण बंद पड़ा हुआ है। जिले के सभी दलों के जनप्रतिनिधि एवं विभिन्न मजदूर यूनियन के प्रतिनिधियों ने जुट मिल दुबारा खुलवाने को लेकर शनिवार को कटिहार समाहरणालय के समक्ष एक दिवसीय सर्वदलीय महा-धरना का आयोजन किया।
विदित हो कि बिहार का सीमांचल इलाका प्रमुख जुट उत्पादक क्षेत्र है। आजादी के पहले से ही कटिहार जुट उद्योग का केंद्र बिन्दु रहा है। वर्ष 1979 में बिहार का सबसे बड़ा जुट कारखाना अरबीएचएम जुट मिल्स कटिहार, एनजेएमसी के अधीन आ गया। मिल कुप्रबंधन के कारण वर्ष 2007-08 आते-आते एनजेएमसी ने इसे बंद कर दिया। वर्ष 2011 में पुनः केंद्रीय कपड़ा मंत्रालय ने बीएफआईआर योजना अंतर्गत एनजेएमसी के बंद पड़े जुट कारखानों को पुनर्जीवित करने की योजना में आरजेएमसी जुट मिल कटिहार को शामिल कर लिया गया। तत्पश्चात इस मिल के संरचनाओं का आधुनिकीकरण कर इसे चलाने हेतु एक निजी कंपनी के हाथ दे दिया गया। वर्ष 2016 में इस कम्पनी ने अचानक कारखाने में बंदी घोषित कर दी। फलस्वरूप अरबीएचएम जुट मिल के लगभग एक हजार कामगार बेरोजगार हो गए है।
सर्वदलीय महा-धरना की संबोधित करते हुए कटिहार सांसद तारिक अनवर ने कहा कि इस मामले को हमने लोकसभा में भी प्रमुखता के साथ उठाया और मंत्री से मिलकर भी जुट मिल की समस्या को रखा। तारिक अनवर ने कहा कि हालही में मैंने प्रधानमंत्री से मिलकर कटिहार अरबीएचएम जुट मिल की स्थिति से अवगत कराया व मिल दुबारा खुलवाने के प्रयास किया है। अनवर ने कहा कि आज कटिहार के सभी राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों ने धरना के माध्यम से राज्य सरकार एवं केंद्र सरकार दोनों को हम जताना चाहते हैं कि अरबीएचएम जुट मिल की हजारों परिवार का पालन पोषण इस मिल के द्वारा होता था और एकाएक मिल बंद हो जाने से वो तमाम परिवार आज सड़क पर आ गया है। यह चिंता का विषय है। तारिक अनवर ने कहा कि एक तरफ केंद्र सरकार ये दावा करती है कि हम अधिक से अधिक रोजगार के अवसर खोलना चाहते हैं जिसे बेरोजगार युवाओं को रोजगार मिल सके लेकिन लगता है कि केंद्र सरकार जो नीति है की सरकारी क्षेत्र की घाटे में चल रही मिल को बंद करना चाहती है।
कटिहार के पूर्व सांसद निखिल कुमार चौधरी ने कहा कि हमलोग यहाँ किसी दल को कोशने के लिए इकट्ठा नही हुए हैं। बिहार की पहचान व शान वर्षो पहले कटिहार में उद्योग से हुआ करता था वो आज बंद होने के कगार पर है।
कटिहार सदर विधायक तारकिशोर प्रसाद ने कहा कि जब बिहार में एनडीए की नीतीश सरकार बनी थी उस समय अरबीएचएच जुट मिल को लेकर एक प्रयास हुआ था। तारकिशोर प्रसाद ने कहा कि बिहार सरकार का डेढ़ करोड़ रुपया शेयर के रूप में अरबीएचएम जुट मिल में लगा हुआ है। विधायक ने कहा कि जुट मिल के मजदूर ठिकेदार की व्यवस्था के कारण आज जुट मिल की ये स्थिति हुई है।
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