नई दिल्ली : भारत की सबसे बड़ी ई-कॉमर्स कंपनी फ्लिपकार्ट अब वालमार्ट की हो गई है। जी हाँ, दुनिया की सबसे बड़ी रीटेल कंपनी वॉलमार्ट और फ्लिपकार्ट के बीच डील फाइनल हो गई है। वॉलमार्ट और फ्लिपकार्ट के बीच डील की पुष्टि फ्लिपकार्ट की शेयरधारक कंपनी जापान के सॉफ्ट बैंक ग्रुप ने कर दी है। सॉफ्ट बैंक ग्रुप के सीईओ मासायोशी सोन के मुताबिक जापान के समयानुसार मंगलवार रात को डील फाइनल कर दी गई। ये डील कितने में हुई फिलहाल इसकी पुष्टि नहीं हुई है।
इस डील से पहले फ्लिपकार्ट ने 2300 करोड़ रुपए के शेयर बायबैक किए हैं। फ्लिपकार्ट ने अपनी सिंगापुर स्थित पेरेंट कंपनी में 35 करोड़ डॉलर (करीब 2300 करोड़ रुपए) के शेयर वापस खरीद लिए हैं। फ्लिपकार्ट ने खुद को प्राइवेट लिमिटेड कंपनी बनाने के लिए ऐसा किया है। सिंगापुर में फ्लिपकार्ट पब्लिक कंपनी के रूप में रजिस्टर्ड है और प्राइवेट लिमिटेड होने के लिए शेयर होल्डर की संख्या घटाकर 50 से कम करना जरूरी है। शेयर बायबैक से पहले फ्लिपकार्ट के शेयरहोल्डर्स की संख्या 145 थी। वॉलमार्ट से बेहतर ऑफर हासिल करने के लिए फ्लिपकार्ट ने शेयरधारकों की संख्या घटाई है। डील के लिए वॉलमार्ट मौजूदा शेयरधारकों से उनका हिस्सा खरीदेगी, साथ ही नया निवेश भी करेगी।
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