सहाबुद्दीन अहमद की रिपोर्ट :
बेतिया : दहेज जैसी बुराई को समाप्ति की ओर ले जाने की दिशा में सरकार ने कई कड़े कदम उठाए हैं। मगर विभागीय लापरवाही के कारण आज भी दहेज के चलते महिलाओं का शोषण अत्याचार दहेज लोभियों द्वारा सरेआम किया जा रहा है। इसके विरुद्ध प्रताड़ित हुई महिलाएं पुलिस का सहारा लेती है, मगर पुलिस सुविधा शुल्क लेकर इसके विरुद्ध काम करती है। इसके अलावा परिवार न्यायालय, व्यवहार न्यायालय, जिला के मुफ्ती व इस्लामी काजी का न्यायालय भी इन्साफ नहीं दे सकता है। मजबूर होकर यह प्रताड़ित महिलाएं प्रताड़ना की शिकार होकर अपने आप को कोसती रहती है।
इसका एक ताजा उदाहरण तब देखने को मिला, जब महुली गांव के एक दहेज लोभी ने अपनी पत्नी को घर से निकाल दिया। वो अपने नजर से दहेज नहीं लाई थी। इतना ही नहीं उस पति ने तुरंत दूसरी शादी भी रचा ली। इस संबंध में नगर थाने के दरगाह मोहल्ला निवासी इकबाल अहमद की पुत्री बिलकिस तारा ने ससुराल वालों के विरुद्ध नगर थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई है। नगर थाना अध्यक्ष नित्यानंद चौहान ने संवाददाता को बताया कि प्राथमिकी दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी गई है।
बिलकिस तारा ने बताया कि उसकी शादी 2006 में निवासी शेख आबिद के पुत्र नसीम से हुई थी। शादी के 4 महीना गुजरने के बाद ससुराल वालों की तरफ से दहेज के लिए प्रताड़ित किया जाता रहा है। पति सहित ननद शाहिना परवीन, सास सीमा खातून व अन्य ने दहेज में 500000 की मांग की थी। दहेज नहीं मिलने पर सभी ने मिलकर मारपीट की। तत्पश्चात इन लोगों ने मिलकर महिला को घर से बाहर निकाल दिया।