कैमूर से अरशद रज़ा की रिपोर्ट:
कैमूर में जल दिनों दिन प्रदूषित होता जा रहा है । भूमिगत जल में अधिक खनिज की मात्रा होने से बड़े पैमाने पर ज़िले में आरओ पानी औधोगिक रूप धारण कर चुका है। कई छोटी बड़ी जल संस्थाने खुलने से जंहा लोगो को शुद्ध पानी तो मिल रहा है । लेकिन संस्थान मालिक इस स्तर से अनभिज्ञ है कि उन्हें कितनी मात्रा की TDS क्वालिटी की पानी की मात्रा उपलब्ध करानी है। पूरे कैमूर के पानी पीने योग्य नही है चाहे बात पहाड़ी या मैदानी छेत्रो की की जाए । भभुआ प्रखंड का शहरी या ग्रामीण छेत्र हो शहरी छेत्र हो इन छेत्रो का जल की क्वालिटी मापी जाए तो पानी पीने लायक नही है। भभुआ का शहरी छेत्र में घुलनशिल पानी का टीडीएस कंही 700 तो कंही उससे अधिक है। पहाड़ी छेत्र में तो और कंही 1100 तो कंही उससे अधिक है । मानक पथ प्रदर्शक के मुताबिक पीने योग्य पानी की टीडीएस क्वालिटी 600 या उससे कम होनी चाहिए । 600 मिलीग्राम प्रति लीटर और कम से कम 80 मिलीग्राम से ऊपर होनी चाहिए। भभुआ में तो कई आरओ प्लांट है लेकिन इसमें अपना जल संस्थान का aro पानी से सबसे अच्छा माना जाता है । जो मीठा और स्वस्थ मानक के अनुरूप है।