संदीप पांडे की रिपोर्ट :
सिद्धार्थ नगर : जनपद की पहचान काला नमक धान जो देश विदेश में प्रसिद्ध है, जिससे जिले की पहचान बनी रही, आज वह काला नमक धान सिद्धार्थनगर में विलुप्त होती जा रही है। देखा जाए तो अपने जिले की पहचान भी जो कल में बनी रही, समाप्त होती नजर आ रही थी, जिसको लेकर उप कृषि निदेशक डॉक्टर पी के कनौजिया द्वारा पुनः प्रयास किया जा रहा है और किसानों को काला नमक के बारे में प्रदर्शनी के रूप में कराया जा रहा है।
सिद्धार्थनगर में 20 किसानों के साथ काला नमक का प्रदर्शन खेती कराया गया। इस काला नमक धान की। अपनी पहचान है। उन्होंने कहा कि सिद्धार्थ नगर से खोने न पाए इसकी पहचान जाने ना पाए हम प्रयासरत हैं और काला नमक की खेती को बढ़ावा देने का काम कर रहे हैं। इस कपिलवस्तु महोत्सव मेले में काला नमक का प्रदर्शन धान चावल का कराया जाएगा और लोगों में प्रचार-प्रसार किया जाएगा।
केले की खेती को लेकर भी कन्नौजिया ने लोगों को प्रमोट किया है, जिससे केले की खेती का भी फायदा लोगों को मिले। वहीं कन्नौजिया ने यह भी बताया कि जिले में विभिन्न खाद की दुकानों की छापेमारी की गई, जिसमें जो कमियां पाई गई उसके खिलाफ कार्रवाई की गई।
उन्होंने कहा कि मेले की प्रदर्शनी में हमारा विभाग पिछले साल की अपेक्षा इस पर और अच्छी तरह से अमल किया है, जिससे कृषि विभाग की सारी जानकारी लोगों को मुहैया हो सके और विभाग की जानकारी व सुविधाएं लोगों को मिल सके ,भारत सरकार की कृषि योजना जिसका प्रचार प्रसार गाड़ी के माध्यम से किया जा रहा है, मात्र डेढ़ प्रतिशत में फसल बीमा होता है, जिसका किसी कारणवश फसल नुकसान होता तो उसका सौ प्रतिशत सरकार लाभार्थी के खाते में देती है ,यह बीमा योजना भारत सरकार द्वारा चलाई जा रही है ,फसल से लेकर के खेत में होने वाले हर फसल के बीमा मात्र डेढ़ प्रतिशत पर होता है और उसका नुकसान होने पर पूरी तरह से फसल बीमा किसानों को दिया जाता है ।