राकेश द्विवेदी की रिपोर्ट :
बस्ती : कोई भी ग्राहक अपना जमा किया हुआ रुपये न ले पाए, इसके लिए नाम बदल बदल कर एक ही प्राइवेट बैंक गरीब जनता की गाढ़ी कमाई को अपने पास जमा करा कर उसके बदले जनता को उसका पूरा हुआ मैच्योरिटी का ब्याज तो छोड़िए मूलधन को भी ठेंगा दिखा देतीं हैं। इसी प्रकार एक बैक हैं जो धड़ल्ले से गरीब जनता के पैसों को नाम बदल-बदल कर चूस रही हैं।
युनाइटेड इडिया ग्रुप ऑफ कमपनी, जिसका हेड ओफ़िस लखनऊ में है। इस कंपनी का पहला नाम हम प्राइवेट लिमटेड कंपनी, दूसरा नाम बदल कर मेगा प्रोजेक्ट प्राइवेट लिमिटेड कंपनी, तीसरा नाम बदल कर युनाइटेड इडिया एग्रो सोसाइटी लि., चौथा नाम बदल कर फिर हो गया युनाइटेड इडिया ट्रिनिटी मलटीसटेट कोवापरेटिव लि.,पांचवा नाम बदल कर अब हो गया युनाइटेड इडिया सरल सेवा संसथान आर वी एल अब बताइये। जनता या काम करने वाले एजेंट कैसे इन लोगो पर या इनकी कंपनी पर विश्वास करे और किससे अपना पैसा मागे।
जब भी लोग जाते हैं बैंको पर अपना पैसा मांगने तो बैंक के सारे कर्मचारी वहां से गायब रहते है। आज बहुत ही बुरी दसा है इस बैंक के हर ब्रांच की खलीलाबाद,मेहदावल,धनघटा, मुडेरवा, बस्ती, महदेवा, बनकटी, कप्तानगंज, नाथनगर, मुखलिशपुर,यानी कि हर जगह की जनता व एजेंट इस बैंक से बहुत ही परेसान हैं। डेली डेली बैक पर जाते है। वहाँ के कर्मचारी डॉट कर भागा देते है या नही मिलते है।