जम्मू-कश्मीर : एक तरफ भारतीय सेना घाटी में आतंकियों के पूर्णतया खात्में के अभियान में जुटे हैं, वहीँ आतंकी अपनी नापाक हरकतों को अंजाम देने से बाज़ नहीं आ रहे। सेना के कार्यवाही के खिलाफ कल आतंकियों ने एक कायरता पूर्ण घटना को अंजाम देते हुए पुलिसकर्मियों पर घात लगा कर हमला किया, जिसमें 6 पुलिसकर्मी शहीद हो गए। इन शहीद पुलिसकर्मियों में से एक का नाम फिरोज अहमद डार (32) का नाम शामिल हैं। हमले के बाद आतंकियों ने उनके चेहरे को विकृत करने का प्रयास किया था। अहमद डार को पुलवामा जिले के डोगरीपुरा गांव स्थित उनके परिवार के पैतृक कब्रिस्तान में दफना दिया गया। इस दौरान उनके गांव और उनके विभाग के कई लोगों ने उन्हें अश्रुपूर्ण विदाई दी।
डार के परिवार और मित्र जब उनकी अंतिम यात्रा की तैयारी कर रहे थे, डार द्वारा 18 जनवरी 2013 को लिखे गए शब्द सभी को याद आ रहे थे। उन्होंने लिखा था, ‘क्या आपने एक पल के लिए भी रुककर स्वयं से सवाल किया कि मेरी कब्र में मेरे साथ पहली रात को क्या होगा? उस पल के बारे में सोचना जब तुम्हारे शव को नहलाया जा रहा होगा और तुम्हारी कब्र तैयार की जा रही होगी।’ डार ने अपने फेसबुक वाल पर लिखा था, ‘उस दिन के बारे में सोचो जब लोग तुम्हें तुम्हारी कब्र तक ले जा रहे होंगे और तुम्हारा परिवार रो रहा होगा। उस पल के बारे में सोचो जब तुम्हें तुम्हारी कब्र में डाला जा रहा होगा।’