लखनऊ : सड़क निर्माण में बड़े पैमाने पर घोटाले का मामला उजागर होने के बाद डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या ने सख्त तेवर दिखाते हुए 5 इंजीनियरों को सस्पेंड कर दिया है। जिन इंजीनियरों पर निलंबन की गाज गिरी है, उनमें दो तत्कालीन अधीक्षण अभियंता और दो एक्सईएन समेत पांच इंजीनियर शामिल है।
बरेली के तत्कालीन अधीक्षण अभियंता एसके आर्य (अब बनारस में चीफ इंजीनियर), पीलीभीत के अधिशासी अभियंता ओपी वर्मा और राजकुमार राम, सहायक अभियंता डीसी भूकेश और हेमंत कुमार (अब रामपुर में एक्सईन) शामिल हैं। इन सभी अभियंताओं को प्रमुख अभियंता कार्यालय से संबद्ध कर दिया गया है। साथ ही, इनके खिलाफ विभागीय अनुशासनात्मक कार्रवाई करने के आदेश भी दिए हैं।
पीलीभीत में बरेली-बीसलपुर मार्ग के निर्माण में हुई अनियमितता पर यह कार्रवाई की गई है। 14.8 किलोमीटर लंबे इस मार्ग के निर्माण के लिए गठित अनुबंध की शर्तों के विपरीत गैर शिड्यूल बैंक की एफडीआर ली गई।
उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने बताया कि परियोजना की अनुबंधित लागत 24.34 करोड़ रुपये थी। इसमें मोबिलाइजेशन और मशीनरी एडवांस में क्रमश: 1.66 करोड़ और 3.50 करोड़ रुपये का अनियमित भुगतान किया गया। अनुबंध के अनुसार, सड़क निर्माण कार्य 18 नवंबर 2016 तक पूर्ण किया जाना था, पर अनुबंध समाप्ति के दो वर्ष बाद भी कार्य की प्रगति 50 प्रतिशत भी सही नहीं पाई गई।
उन्होंने बताया कि इस प्रकरण में मुख्य अभियंता, बरेली ने मार्ग का मौका मुआयना किया था। फोटोग्राफ भी प्रस्तुत किए। जांच रिपोर्ट के आधार पर विभागीय अधिकारियों को दोषी मानते हुए निलंबित कर दिया गया है। इसके साथ ही उप मुख्यमंत्री ने प्रदेश में कहीं भी सड़कों की गुणवत्ता खराब मिलने पर कड़ी कार्रवाई के निर्देश भी दिए हैं।
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