संजय सिंह/हेमंत मिश्र की रिपोर्ट
मिर्ज़ापुर के राजगढ़ जबकि यह क्षेत्र शांति एवं सौहार्द के लिए पूरे मिर्ज़ापुर जनपद में प्रतीक माना जाता है। इस क्षेत्र में शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए कुछ अराजक तत्वों पर नकेल कसना अत्यंत आवश्यक होता है लेकिन पुलिस की सक्रियता अराजक तत्वों पर नाकाफी साबित हो रही है जिससे क्षेत्र में मनबढ़ों का आतंक आए दिन देखने को मिल रहा है क्षेत्र में चोरी छिनैती लूट एवं नशा खोरी का एक महफूज़ ठिकाना बनता जा रहा है। इस क्षेत्र में आस पास के अपराधी बेखौफ घूमते नजर आते हैं और बड़ी घटना को अंजाम देने के बाद क्षेत्र से गायब हो जाते हैं। स्थिति यह है कि राजगढ़ क्षेत्र में हुई एक के बाद एक ताबड़तोड़ चोरियों का अब तक कोई सुराग नहीं मिल सका और न ही किसी संदिग्धों से पूछताछ की जा रही है बल्कि मामले को दबाकर ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है। अबतक किसी भी तरह की कोई ठोस कार्रवाई देखने को नहीं मिल सका है। जबकि नवागत चौकी प्रभारी अखिलेश पाण्डेय को आए करीब दो हफ्ते बीत चुके हैं लेकिन क्षेत्र में अलग अलग जगहों पर हुई दर्जनों चोरियों का संज्ञान नहीं ले पाए और किसी भी स्थान पर पहुंच कर मौका मुआयना करना मुनासिब नहीं समझा। वाहन स्वामियों ने बताया कि कुछ दिनों पहले घर के बाहर खड़े वाहनों को रात्रि के अंधेरे का फायदा उठाकर हौसला बुलंद चोरों ने गाड़ियों की चोरी कर फरार होने में कामयाब रहे और स्थानीय पुलिस अभी तक कुछ भी नहीं कर सकी ऐसे में आप इस बात से अंदाजा लगा सकते हैं कि इस क्षेत्र में प्रशासनिक व्यवस्था किस हद तक जा पहुंची है। अपराधियों पर पुलिस का जरा भी खौफ नहीं रहा घटना को अंजाम देने के बाद अपराधी बेखौफ होकर घूमते हैं पीड़ित परिवार को न्याय मिलना मुश्किल हो गया है। कोई विधायक का समर्थक है तो कोई मंत्री का ऐसे में पुलिस के हाथ बंधन से मुक्त नहीं हो पा रहा है। लोगों का कहना है कि इस शासन में जिसकी लाठी उसी की भैंस, जिसका राज उसी की दुहाई जैसी कहावतें चरितार्थ हो रही हैं।