डाक्टर नदारत फार्मासिस्ट के सहारे चल रहा नया सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र

 

जितेन्द्र गौङ की कलम से

उन्नाव ब्यूरो।जनपद में डाक्टर नदारत मिलने का ग्रामीणों में एक चर्चा का विषय बन गया है अपने निजी क्लीनिक पर उपस्थित रहना जांच के नाम पर उच्चाधिकारियों द्वारा धन उगाही करना कार्यवाही के नाम पर दिखावा इसी लिए न आने का कारण मरीजों को चक्कर लगाने पर मजबूर है राज्य व केन्द्र सरकार ने ग्रामीण आंचल में लोगों के स्वास्थ्य के लिए नया स्वास्थ केंद्र तो बना दिया दवाएं भी हैं लेकिन डाक्टर नहीं आते जबकि कागजों पर पूरा पैरा मेडिकल स्टाप तैनात है गंभीर मरीजों को भर्ती कर इलाज के लिए दो बेड की व्यवस्था है लेकिन रख रखाव का आलम यह है कि अस्पताल परिसर में पानी  के लिए मरीजों ढूंढना पड़ेगा लगा हैंड पंप भी काम नहीं करता चहर दीवारी टूटी हुई है जिससे परिसर में जानवरों का आवागमन बना रहता है गांव के लोगों द्वारा कुछ ऐसे भी कार्य होते हैं जो नहीं होने चाहिए डाक्टर सहित अन्य स्टाप के लिए आवास बने हुए हैं जिसमें गंदगी का अंबार लगा हुआ है जैसे कई वर्षों से आवासों में कोई रुका ही नहीं है पानी की टंकी होने के बाद भी शो पीस बनकर रह गई है लेकिन मशीनें जर्जर हो चुकी व आधी गायब है ग्रामीणों का कहना है कि गांव में अस्पताल होने के बाद भी लोगों को इलाज के लिए भटकना पड़ता है केंद्र सिर्फ फार्मासिस्ट के सहारे चल रहे हैं डाक्टरों के न आने का संकेत है कि अपना निजी क्लीनिक पर ज्यादा ध्यान दे रहे है और उच्चाधिकारी को हर महीने मोटी रकम पहुंचने के कारण कोई कार्रवाई नहीं होती है ग्रामीणों ने जिलाधिकारी से जांच कराकर ऐसे अधिकारियों पर कार्यवाही की मांग की है

विकास खंड मियांगज क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम पंचायत मवई बृम्हनान गांव के बाहर नया प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र बना हुआ है जहां पर चिकित्सा प्रभारी डाक्टर नीरज शुक्ला की तैनाती होने के बाद भी वह अस्पताल नहीं आते हैं हमेशा कुर्सी खाली रहती है ग्रामीणों ने कहा कि क्या ऐसे डाक्टरों पर कार्यवाही होगी फार्मासिस्ट रमेश चंद्र अपने तरीके से लोगों का इलाज करते है लैब असिस्टेंट राज कुमार भी नदारत रहता है चतुर्थी श्रेणी कर्मचारी राजेश स्वीपर राम औतार तैनात है जबकि नर्स की तैनाती ही नहीं है अस्पताल परिसर का आलम यह है कि डाक्टर के कमरे से लेकर मरीजों के भर्ती करने के कमरो में गंदगी का अम्बार लगा हुआ है बाहर लगा हैंड पंप कई वर्षों से खराब पडा़ हुआ है डाक्टर व अन्य स्टाप के लिए बने आवास खंड हार होते जा रहे हैं पानी की टंकी तो बनी हुई है लेकिन उसकी मशीन पता नहीं कही है कोई भी बताने को तैयार नहीं है शासन द्वारा दवाएं तो दी जाती है लेकिन वह कहां दी जाती है इसकी जांच होनी चाहिए इस केंद्र के अन्तर्गत इलाज कराने के लिए लगलेसरा,मीर नगर,पनापुर कलां,ताजपुर,सिर्स चेरी,शीरे पुर, अरेरकला सहित दर्जनों गांवों के मरीजों की सुविधा के लिए नया स्वास्थ्य केंद्र खोला गया था लेकिन डाक्टरों की उदासीनता के चलते बदहाल हालत में हो गया है और मरीजों को इलाज के लिए या तो झोलाछाप डॉक्टर की शरण में जाते हैं या फिर सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र सफीपुर या मियांगंज जाना पड़ेगा यह हालात तब है जब सरकार दावे करती है कि ग्रामीण आंचल के लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं के लिए हर संभव व्यवस्था की गई है जबकि हकीकत इसके ठीक विपरीत है।ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि डाक्टर कभी आते नहीं हैं इसलिए जिलाधिकारी द्वारा जांच कराकर कार्यवाही की मांग की है।

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