सर्वेश यादव की रिपोर्ट :
हरहुआ : हरहुआ बैजलपट्टी राजेश्वरी महिला महाविद्यालय में आज शिक्षक दिवस के अवसर पर एक संगोष्ठी सम्पन्न हुई। संगोष्ठी की अध्यक्षता महाविद्यालय के प्रबंध निदेशक प्रमुख साहित्यकार डॉ राघवेन्द्र नारायण सिंह ने की।
छात्राओं को संबोधित करते हुए अपने वक्तव्य में डॉ राघवेन्द्र नारायण सिंह ने शिक्षकों को राष्ट्र का स्तंभ बतलाते हुए उनकी भूमिका को सर्वाधिक महत्वपूर्ण बतलाया। शिक्षक का सम्मान किसी व्यक्ति का नहीं वरन उस ज्ञान की विरासत का सम्मान है जो विश्व में कहीं अन्यत्र नहीं उपलब्ध है। शिक्षक की भूमिका उस दीपक की होती है जो अंधकार में भी रोशनी देकर सही वस्तुस्थिति का आकलन कराता है।
उन्होंने डॉ राधाकृष्णन जी द्वारा शिक्षकों को समर्पित अपना जन्मदिन उनकी शिक्षकों के प्रति उन्नत सोच का परिणाम बतलाया क्योंकि वे राष्ट्रपति के पद को शिक्षक के गुरुपद से गौण मानते थे।शिक्षा प्रणाली में परिवर्तन, बार बार की परीक्षाओं की औचित्यहीनता और शिक्षकों की हर स्तर पर सहभागिता से बहुत सी समस्याओं का समाधान करते हुए भारत अपना प्राचीन गौरव एवं वैभव शिक्षकों के सहयोग से ही प्राप्त कर सकता है।
इस अवसर पर समस्त शिक्षकों को उपहार से प्रबंध निदेशक डॉ राघवेन्द्र नारायण सिंह ने सम्मानित किया। कार्यक्रम का संचालन डॉ सुरभि श्रीवास्तव और धन्यवाद ज्ञापन उपप्रबंध निदेशक अंशुमान सिंह ने किया।
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