नई दिल्ली : लोकसभा चुनाव से पहले सुप्रीम कोर्ट ने मायावती को बड़ा झटका देते हुए खुद की मूर्तियों पर खर्च रकम लौटाने का आदेश दिया है। अदालत ने कहा कि यह अस्थायी आदेश है कि मायावती को लखनऊ और नोएडा में अपनी और पार्टी के चुनाव चिह्न हाथी की मूर्तियां बनाने के लिए इस्तेमाल किए गए जनता के पैसों को सरकारी खजाने में लौटाना होगा।
यह आदेश अदालत ने एक वकील की उस याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया जिसमें कहा गया था कि जनता के पैसों का इस्तेमाल अपनी मूर्तियां या राजनीतिक पार्टी के प्रचार के लिए नहीं किया जा सकता है। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा, ‘हमारा अस्थायी तौर पर यह मानना है कि मायावती को अपनी मूर्तियां और पार्टी के चिह्न पर खर्च किए गए जनता के पैसों को सरकारी खजाने में वापस करना होगा।’
इस पीठ में जस्टिस दीपक गुप्ता और संजीव खन्ना भी शामिल थे। इस मामले की अंतिम सुनवाई 2 अप्रैल रखी गई है। बेंच ने इस बात को साफ कर दिया है कि उसने प्रथम दृष्ट्या अपना मत रखा है क्योंकि इस ममाले की सुनवाई में अभी वक्त लगेगा। पीठ ने कहा, ‘हम इस मामले पर अंतिम निर्णय 2 अप्रैल को लेंगे।’
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