भुगतान में लापरवाही बरतने वाली चीनी मिलों के विरूद्ध कठोर कार्यवाही, बकाया गन्ना मूल्य भुगतान करने के लिये शासन गम्भीर

संतोष मिश्र की रिपोर्ट :

बहराइच : जिला गन्ना अधिकारी शैलेश कुमार मौर्य ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशों के अनुपालन में गन्ना मंत्री सुरेश राणा ने बकाया गन्ना मूल्य भुगतान को शीर्ष प्राथमिकता देकर भुगतान में लापरवाही करने वाली मिलों के विरूद्ध कठोर कार्यवाही करने के निर्देश पारित किये हैं। उन्होंने बताया कि 21 दिसम्बर 2018 तक पेराई सत्र 2017-18 का लगभग 94 प्रतिशत गन्ना मूल्य का भुगतान हो चुका है। भुगतान में लापरवाही बरतने वाली चीनी मिलों के विरूद्ध कठोर दंडात्मक कार्यवाही की जायेगी। इसी क्रम में बड़े बकायेदार 09 चीनी मिलों क्रमशः मलकपुर, बाल्टरगंज, मोदीनगर, बिसौली, ब्रजनाथपुर, गागलहेड़ी, बुलन्दशहर, चिल्वरिया एवं गडौरा के विरूद्ध वसूली प्रमाण-पत्र जारी किये जा चुके है।

मौर्य ने बताया कि मुख्यालय स्तर से जारी वसूली प्रमाण-पत्रों के क्रम में मोदीनगर चीनी मिल के लगभग 7,000 कुन्तल चीनी, अध्यासी कार्यालय, एकाउन्ट कक्ष, लीगल कक्ष, पर्सनल कार्यालय, रिफाइनिंग सेक्शन, कान्फ्रेंस हाॅल एवं सिकरी खुर्द स्थित 3.38 हेक्टेयर के फार्म हाउस कुर्क कर लिये गये हैं तथा मोदी इण्डस्ट्रीज के मालिक उमेश कुमार मोदी का पासपोर्ट जब्त करने हेतु क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय गाजियाबाद को पत्र प्रेषित कर दिया गया है।

शासन की सख्ती के चलते मोदीनगर चीनी मिल द्वारा 14 दिसम्बर से लगभग 11 करोड़ रूपये का गन्ना मूल्य भुगतान कर दिया गया है तथा 20 दिसम्बर 2018 को चीनी मिल ने अग्रिम चीनी बिक्री के 15 करोड़ का चेक भी विभाग को प्राप्त करा दिया है। गन्ना मूल्य भुगतान में लापरवाही बरतने और मिल चलाने में देरी के कारण गडौरा चीनी मिल का समस्त गन्ना नजदीकी चीनी मिलो क्रमशः सिसुआ बाजार, खड्डा, रूधौली, हाटा, कप्तानगंज, रामकोला एवं घोसी चीनी मिल को व्यवर्तित किया गया है।

जिला गन्ना अधिकारी ने यह भी बताया कि आर.सी. जारी होने वाली शेष चीनी मिलो के विरूद्ध जिला प्रशासन द्वारा चीनी एवं सम्पत्ति की कुर्की की कार्यवाही प्रगति में है तथा इन चीनी मिलों के अध्यासियों के विरूद्ध आवश्यक वस्तु अधिनियम की धारा 3/7 के अन्तर्गत प्राथमिकी दर्ज कर विधिक कार्यवाही करने के निर्देश भी दिये गये हैं।

उल्लेखनीय है कि प्रदेश की 86 चीनी मिलों द्वारा पेराई सत्र 2017-18 का शत-प्रतिशत गन्ना मूल्य भुगतान किया जा चुका हैं जिसमे निजी क्षेत्र की 61 तथा निगम एवं सहकारी क्षेत्र की समस्त 25 चीनी मिलें शामिल हैं। गन्ना मूल्य भुगतान कराया जाना सरकार की प्राथमिकता है और इसके लिये सरकार प्रतिबद्ध है तथा किसानों को समय से भुगतान सुनिश्चित कराने हेतु कृतसंकल्प है।

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