नई दिल्ली : लोकसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक पार्टियों के बीच तोड़जोड़ की रणनीति शुरू हो गयी है। केंद्र की सत्ता में दुबारा वापसी के लिए बीजेपी जीतोड़ मेहनत कर रही है, और महागठबंधन को देखते हुए अपने सहयोगियों को साथ बनाये रखने की कोशिशों में जुटी है। महराष्ट्र में बीजेपी और शिवसेना के बीच जंग जारी है, लेकिन बीजेपी शिवसेना को मनाने में जुटी है। इसी बीच शिवसेना ने बीजेपी के साथ मिलकर चुनाव लड़ने के लिए एक अजीब शर्त रख दी है।
शिवसेना के नेता संजय राउत ने कहा है कि अगर एनडीए 2019 में सरकार बनाती है तो शिवसेना, अकाली दल और दूसरे बड़े सहयोगियों की भी भूमिका होगी। एनडीए के सभी सहयोगी अपने-अपने राज्यों में मजबूत हैं और अगर केंद्र में आपको उनके साथ गठजोड़ करना है तो राज्य में मुख्यमंत्री उस सहयोगी दल का ही होना चाहिए।
हालांकि, शिवसेना 2018 के मध्य में ही ये एलान कर चुकी है कि वो इस चुनावी महासंग्राम में अपने दम पर ही उतरेगी। लेकिन, दोनों के बीच समझौते की कुछ गुंजाइश अभी भी दिखती है। महाराष्ट्र में यूपी के बाद सबसे ज्यादा यानी 48 लोकसभा सीट हैं। ऐसे में दोनों की रस्साकशी में, नुकसान भी दोनों को ही उठाना पड़ सकता है।