संतोष शर्मा की रिपोर्ट :
बलिया : मनियर थाना क्षेत्र सरवार ककरघटृटी निवासी कमलेश चौहान 26 वर्ष का करीब चार माह बाद विदेश से शव बुधवार की सुबह आने पर गांव में मातम पसर गया । माता पिता के इकलौता पुत्र के मौत से पूरा गांव गम में समाहित हो गया। परिजनों से मिली जानकारी के अनुसार उक्त गांव निवासी कमलेश चौहान 26 वर्ष पुत्र स्वर्गीय रामदेव चौहान सऊदी अरब में रोजी रोटी के लिए दूसरी बार गया था। इस दीपावली में दो वर्ष बाद उसे आना था। लेकिन दीपावली बाद वह आया तो जरूर लेकिन ताबूत में।
कमलेश के बाल्यकाल कि अवस्था में ही पिता का साया हट चुका था। पिता की मौत के बाद मां मानवशी देवी व चार बहनें सविता ,ललिता ,कविता व निशा की परवरिश एवं शादी की जिम्मेदारी कमलेश पर ही थी। इसलिए वह अपनी शादी तो नहीं किया। बहनों की शादी के लिए वह मेहनत मजदूरी बचपन से ही करने लगा ।इसी दौरान वह लखनऊ जाकर जेसीबी मशीन चलाने लगा। फिर विदेश कमाने गया। विदेश कमाने के बाद दो वर्ष बाद वह आया तो अपनी दो बहनें सविता व ललिता की शादी किया। तथा कविता एवं निशा की शादी की तैयारी के लिए पुनः वह कमाने सऊदी अरब गया। लेकिन अपनी दो छोटी बहनों की शादी की अरमान को वह पूरा न कर सका।
बताया जाता है कि वहां उसके पेट में दर्द हुआ और 16 जुलाई 2018 को उसकी मौत हो गई। मौत के करीब चार माह बाद उसका शव पैतृक गांव सरवार ककरघट्टी में बुधवार की सुबह आया। शव आते ही चारों बहनें दहाड़ मार कर रोने लगी। सांत्वना देने पहुंचे लोगों की आंखें भर आयी। लोगों ने समझाने की कोशिश तो कर रहे थे लेकिन करुण क्रंदन सुन कर उनकी जुबान साथ नहीं दे रही थी। उसका अंतिम संस्कार श्मशान घाट मनियर घाघरा नदी के तट पर हुआ। मुखाग्नि 80 वर्षीय वृद्ध दादा रामलाल चौहान ने दी।
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