RSS प्रमुख मोहन भागवत बोले, देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करने की आवश्यकता.
17 Aug 2020
आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत (RSS Chief Mohan Bhagwat) ने कहा है कि राष्ट्र को आत्मनिर्भर बनाने के लिए ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करने की आवश्यकता है। और कुटीर उद्योगों की गुणवत्ता पर भी बल दिया जाना चाहिए।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की छत्तीसगढ़ और महाकोशल प्रांत की राज्य ईकाई की सभा को संबोधित करते हुए भागवत ने कहा कि देश को स्वावलंबी और आत्मनिर्भर भारत बनाने के लिए सर्वत्र प्रयास हो रहे हैं।
संघ प्रमुख ने कहा कि भारत की जलवायु, मिट्टी, मान्यताएं, परंपराएं और सामर्थ्य इतना है कि अगर हम सब संकल्प लें तो भारत को आत्मनिर्भर बनाने में कोई समस्या नहीं आएगी। देश को आत्मनिर्भर बनने के लिए एक व्यक्ति और एक संगठन के नाते हमारी जो जिम्मेदारी है उसका हम पालन करेंगे। देश को आत्मनिर्भर बनाने में सामूहिक जीवन में जरूरी बातों को अंगीकार करना मददगार रहेगा। संघ प्रमुख ने कहा कि यदि हम ऐसा करते हैं तो देश एक बार फिर से उठ खड़ा होगा जिससे दुनिया को सही दिशा में आगे चलने की सीख मिलेगी।
आरएसएस के प्रांत प्रचार प्रमुख सुरेंद्र कुमार ने रविवार को बताया कि रायपुर स्थित आरएसएस कार्यालय जागृति मंडल में भागवत के नेतृत्व में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की छत्तीसगढ़ और महाकोशल प्रांत की सभा हुई। सभा के दौरान प्रवासी श्रमिक, पर्यावरण, स्वदेशी, ग्राम विकास और सामाजिक समरसता पर बात की गई। सभा में दोनों प्रांतों की छोटी टोली के सभी अपेक्षित अधिकारी शरीक हुए। बैठक में सरकार के द्वारा बड़े स्तर पर प्रवासी श्रमिकों के लिए चलाई जा रही योजनाओं का फायदा उन तक पहुंचाने के लिए स्वयंसेवकों की तरफ से किए गए कार्यों का भी उल्लेख किया गया।
बीते दिनों भागवत ने कहा था कि स्वतंत्रता के बाद देश की आवश्यकताओं के अनुरूप आर्थिक नीति नहीं बनी। कोरोना के अनुभवों से स्पष्ट है कि विकास का एक नया मूल्य आधारित मॉडल होना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा था कि स्वदेशी का यह मतलब नहीं कि सभी विदेशी उत्पादों का बहिष्कार किया जाए। भागवत ने डिजिटल माध्यम से प्रो. राजेंद्र गुप्ता की दो पुस्तकों का विमोचन करते हुए यह बातें कही थीं।