शेरु दूबे की रिपोर्ट
भदोही सीतामढ़ी। करीब माह भर पूर्व कोइरौना क्षेत्र के फुलवरिया गांव में गंगा किनारे वहीं पर साधने कर रहे सन्त का शव मिला था। ग्रामीणों ने बाबा के हत्या की आशंका जताई थी। और पुलिस से गहनता से जांच पड़ताल कर खुलासा करने की मांग भी की थी। किन्तु पीएम जांच के बाद जांच पड़ताल को कौन कहे कोइरौना पुलिस वहां झांकने आज तक दुबारा नहीं गई। पुलिस के इस लापरवाह रवैये से ग्रामीणों में निराशा है तथा आक्रोश व्याप्त है। लोगों का कहना है कि फुलवरिया गंगा तट पर साधनारत खड़ेश्वरी बाबा निहायत ही सीधे व दयालु प्रवृत्ति के इंसान थे तथा किसी से उनका कोई विशेष लेना देना नही था। उनकी हत्या दारूबाज व गांजा पीने के लिए वहां जुटने वालों आदि के द्वारा भी चोरी आदि की नीयत से की गई हो सकती है। पर खुलासा करने के बजाय पुलिस ने इस मामले से ही किनारा कर लिया है।
बता दें कि गत 18 मई को कोइरौना थाना क्षेत्र के फुलवरिया गांव के बलुआ गंगा घाट पर कुटिया बनाकर साधना कर रहे खड़ेश्वरी बाबा 26 वर्ष का अर्द्ध सड़ा – गला शव गंगा किनारे पड़ा मिला था। मौके पर जुटी भीड़ के सूचना पर प्रभारी निरीक्षक कोइरौना एसएन मिश्रा के नेतृत्व में पहुंची पुलिस ने छानबीन के बाद शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया था। लेकिन आज महीनों बीतने को हैं पुलिस इस मामले को हासिये पर धकेल हाथ पर हाथ धरे बैठी है।
बताते चलें कि करीब 1 वर्ष पूर्व आसाम क्षेत्र से आये खड़ेश्वरी बाबा कोइरौना क्षेत्र के फुलवरिया गांव में गंगा किनारे स्थित जटाधारी बाबा के आश्रम से तीन सौ मीटर दूर गंगातट पर कुटिया बनाकर साधना किया करते थे। उनका किसी के पास आना – जाना नही होता था। स्थानीय लोगों की मानें तो 13 मई तक बाबा को कुटिया में देखा गया था इसके बाद वो लापता हो गए। फिर अचानक 18 मई को बाबा का क्षत – विक्षत शव गंगा किनारे मिलने पर लोग चर्चा करते रहे कि बाबा की हत्या कर कुटिया में रखा सामान व रूपया लूटा गया है। शव के पैर व सिर के हिस्से को जानवरों ने खा लिया है। किन्तु लाल पट्टे आदि से उनकी शिनाख्त हो सकी। लोगों में दुःख के साथ अब भी आक्रोश ब्याप्त है। ग्रामीण बाबा की हत्या की आशंका जाहिर कर रहे हैं लेकिन दुबारा घटनास्थल पर झांकने न जाने वाली कोइरौना पुलिस पीएम रिपोर्ट के आधार पर इसे साधारण मौत बता कर पल्ला झाड़ ली है। स्थानीय निवासी प्रकाश सिंह बादशाह तिवारी राजनाथ पाल प्रधान देवीप्रसाद सूबेदार सिंह रविन्द्र पाल आदि ने पुलिस अधीक्षक महोदय से जांच कराकर खुलासा कराने की मांग की है।