नई दिल्ली : राफेल डील को लेकर एक इंग्लिश न्यूज़ पेपर के खुलासे इस मामले को लेकर अब एक बार फिर नए सिरे से राजनीतिक घमासान शुरू हो गया है। द हिंदू की रिपोर्ट के अनुसार फ्रांस सरकार के साथ राफेल सौदे को लेकर रक्षा मंत्रालय की तरफ से किए जा रहे सौदे के दौरान प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) के दखल का फायदा फ्रांस को मिला था। पीएमओ के इस दखल का रक्षा मंत्रालय ने विरोध किया था। और अब इस रिपोर्ट को लेकर राहुल गाँधी ने पीएम मोदी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।
हुल ने कहा, ‘हम एक साल से ज्यादा समय से कह रहे हैं कि राफेल डील में पीएम मोदी सीधे शामिल रहे हैं। पीएम फ्रांस के साथ समानांतर वार्ता कर रहे थे। यह आपके भविष्य के लिए है। हम मांग करते रहे हैं कि इसकी जेपीसी, पीएसी जांच होनी चाहिए। प्रधानमंत्री ने आपके 30 हजार करोड़ रुपये चुरा लिए। राफेल सौदे को लेकर हमारी बात सच साबित हुई है। प्रधानमंत्री ने वायुसना का 30 हजार करोड़ रुपये चुराकर अनिल अंबानी को दिया। प्रधानमंत्री खुद राफेल सौदा कर रहा था।
ओलांद ने कहा था कि भारत के पीएम ने मुझसे कहा था कि अनिल अंबानी को यह सौदा दिया जाए। इससे साबित होता है कि चौकीदार चोर है। राफेल डील में पीएम दोषी हैं। दस्तावेजों में साफ-साफ लिखा है कि प्रधानमंत्री चोर है। पीएमओ के हस्तक्षेप पर रक्षा मंत्रालय को आपत्ति थी। पीएमओ ने सौदेबाजी के नियमों का उल्लंघन किया।’
वहीँ राहुल गाँधी के द्वारा लगाये गए आरोपों पर सौदे की वार्ता के समय रक्षा सचिव रहे जी मोहन कुमार ने कहा कि उसका (राफेल वार्ता को लेकर असहमत होना) कीमतों से कोई लेना-देना नहीं है। यह संप्रभु गारंटी और सामान्य नियम और शर्तों को लेकर था। हालिया मीडिया रिपोर्ट में जो भी सामने आया है उसका कीमतों से कोई लेना-देना नहीं है।
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