संतोष कुमार शर्मा की रिपोर्ट :
बलिया : समाजवादी पार्टी न्याय करती है, भारतीय जनता पार्टी की तरह नाटक नहीं। यही कारण है कि सपा के शासन में गोंड जाति के लोगों को न तो अनुसूचित जनजाति का प्रमाण पत्र लेने में दिक्कत हुई न सरकारी नौकरी। उक्त बातें राज्यसभा सांसद नीरज शेखर ने कही। वे सोमवार को पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार अखिल भारत वर्षीय गोंड़ महासभा बलिया के तत्वाधान में आयोजित अनिश्चितकालीन धरना को सम्बोधित कर रहे थे।
धरने का आयोजन अनुसूचित जनजाति का प्र्रमाण पत्र गोंड जाति को प्रशासन द्वारा निर्गत नहीं किये जाने के विरोध में था। इसके पूर्व धरने की शुरूआत टाउन हॉल से हुई, जहां हजारों की संख्या में गोंड जाति के लोगों ने हाथों में तख्तियॉ लिये, ‘‘भारतीय संविधान को लागू करो“ के नारे लगाते हुए जिलाधिकारी कार्यालय के लिए कूच किया। गोंड जाति शक्ति प्रदर्शन के दौरान प्रर्दशनकारी हाथों में तीर-धनुष लिए पारंपरिक वाद्ययंत्रों का प्रयोग कर रहे थे।
इस अवसर पर समाजवादी पार्टी के जिलाध्यक्ष संग्राम सिंह यादव ने भारतीय जनता पार्टी की शासन व्यवस्था को अधिनायकवादी करार दिया तथा पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव द्वारा गोंड जाति के हितों की रक्षा के लिए किये गये कार्यो को एक-एक करके गिनाया। इस अवसर पर अनुसूचित जनजाति आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष एवं उत्तर प्रदेश सरकार के पूर्व मंत्री व्याजी गोंड ने कहा कि सपा शासनकाल में गोंड जाति के 5874 युवाओं को सरकारी नौकरी दी गयी, लेकिन प्रदेश की योगी सरकार फर्जी प्रमाण पत्र का हवाला देकर छंटनी कर रही है। पूर्वाचल के 13 जिलों में पूरी की पूरी गोंड जाति सरकार की नीतियों से क्षुब्ध और परेशान है।
जिला कांग्रेस कमेटी के पूर्व अध्यक्ष अवध बिहारी चौबे ने केंद्र सरकार पर राष्ट्र के साथ विश्वासघात करने का आरोप लगाया। पूर्व विधायक गोरख पासवान ने गोंड जाति के लिए सपा शासनकाल को स्वर्णिम युग से विभूषित किया। सपा के वरिष्ठ नेता संजय उपाध्याय ने योगी सरकार को युवाओं के लिए कांटो का ताज बताया। वक्ताओं ने एक स्वर में घोषणा किया कि जबतक जिला प्रशासन गोंड जाति के लोगों के जिलए अनुसूचित जनजाति का प्रमाण पत्र निर्गत नहीं करेगी, तब तक धरना जारी रहेगा। कार्यक्रम की अध्यक्षता मृदंगी गोंड तथा संचालन हरिहर गोंड ने किया। इस अवसर पर सपा नेता चंद्रशेखर सिंह, अरविन्द गोंड, राजेश गोंड, हरेन्द्र गोंड, ललन गोंड, कृष्ण बिहारी बंधुजी, सुरेन्द्र गोंड, घनश्याम गोंड सहित कई लोगों ने अपने विचार व्यक्त किये।