संजय सिंह/मनोज पटेल की रिपोर्ट
मिर्ज़ापुर के चुनार चोपन रेलवे लाइन पर स्थानीय रेलवे स्टेशन लूसा के पास राजगढ़ भवानीपुर सम्पर्क मार्ग पर बने रेलवे का अन्डर ग्राउंड पुलिया लोगों को नारकीय जीवन जीने को मजबूर करता है। बरसात के मौसम में हल्की बारिश होने पर यहां महीनों जल जमाव रहता है जिससे इस क्षेत्र के लोगों का स्थानीय बाजार से संबंध टूट जाता है और खाद्य सामग्री से लेकर आपातकालीन सेवा एवं स्कूली बच्चों की शिक्षा दिक्षा भी बुरी तरह से प्रभावित हो जाती है। यह स्थिति लगातार पूरा बरसात के मौसम तक बना रहता है। जबकि इस क्षेत्र में सब्जीयों की खेती अत्यधिक मात्रा में होती है और बड़ी संख्या में मौसमी सब्जियां लेकर किसान इसी रास्ते से होकर गुजरने को विवश हैं लाचारी और विवशता में घुट घुट कर जीने को मजबूर हो गए हैं। किसानों ने जनपद के उच्चाधिकारियों तक अपनी रोजमर्रा की जिंदगी में शामिल हो चुकी इस नारकीय समस्या से कई बार अवगत कराया लेकिन अभी तक झूठा आश्वासन ही मिला। आने वाले दिनों में जल्द ही बरसात शुरू हो जाएगी और स्कुली बच्चों के लिए आने वाली गाड़ियां बन्द हो जाएंगी लगातार 4– 5महिनें तक यहीं स्थिति बनी रहेगी जिसमें बच्चों की शिक्षा दिक्षा बुरी तरह से प्रभावित हो जाती है। आपातकालीन परिस्थिति में लोगों को प्राथमिक चिकित्सा से वंचित होना पड़ता है जिसकी वजह से कईयों को अपनी जिंदगी से हाथ धोना पड़ा। इस अन्डर ग्राउंड पुलिया में करीब 4 – 5 फिट पानी का जल जमाव हमेशा बना रहता है जिससे छोटे बच्चों का आवागमन किसी बडी़ दुर्घटना का कारण बन सकता है। लोगों का कहना है कि अगर समस्या है तो इसका समाधान भी होगा लेकिन कोई सक्षम अधिकारी और जन प्रतिनिधि इस विकट स्थिति का संज्ञान नहीं ले रहा है सिर्फ झूठा आश्वासन दिया जाता है। इस अन्डर ग्राउंड पुलिया से भीटी भवानीपुर दरवान रामपुर 38 चौखड़ा पिपरवार निकरिका के लोगों का जीवन नारकीय बना हुआ है लोगों का आवागमन बाधित हो रहा है कुछ राहगीर अपनी जान जोखिम में डाल कर रेलवे लाइन पार करते हैं ऐसे में इस अन्डर ग्राउंड पुलिया का कोई औचित्य नहीं समझ में आ रहा है। जनता की सुरक्षा के लिए बनाए गए इस सुविधा को लोग अभिशाप मान रहे हैं और इस क्षेत्र का विकास रूकने का बहुत बड़ा कारण समझते हैं।