साजिद अंसारी/सलिल पाण्डेय की रिपोर्ट
मिर्जापुर । मां गंगा की महत्ता की स्तुति, पौराणिक महत्ता पर चर्चा, वृक्षों से गङ्गा की रक्षा पर चिंतन के बीच गङ्गा-दशहरा का पर्व अत्यंत जीवंत और उल्लासपूर्ण माहौल में मनाया गया । इस अवसर पर अधिकाधिक वृक्षारोपण, संरक्षण एवं गङ्गा की निर्मलता के लिए अपील एवं संकल्प लिए गए ।
मिर्जापुर वन प्रभाग द्वारा शुरू किए गए गङ्गा-हरीतिमा अभियान के चौथे चरण में गुरुवार को गङ्गा-दशहरा के अवसर पर डिस्ट्रिक्ट बार एसोसिएशन के सभाकक्ष में मुख्य अतिथि के रुप में नगर विधायक रत्नाकर मिश्र ने भगवान विष्णु के चरण, ब्रह्मा के कमंडल तथा शिव की जटा से निकली गङ्गा की शुचिता के लिए विविध पर्वों पर बहायी जाने वाली मूर्तियों के स्वरूप में बदलाव का जब मौलिक विचार प्रस्तुत किया तो सभाकक्ष में उपस्थित अधिवक्ताओं सहित हर वर्ग ने करतल-ध्वनि से उसका समर्थन किया । विधायक रत्नाकर मिश्र ने कहा कि बढ़ती आबादी एवं बढ़ती मूर्तियों को देखते हुए जरूरत यह है कि मिट्टी एवं केमिकलयुक्त रंग के बजाय अब आटे की मूर्तियां बनाई जाएं और प्राकृतिक रंगों से उन्हें रंगा जाए क्योंकि गङ्गा प्रदूषण मुक्त नहीं होंगी तो आने वाली पीढ़ी को भारी तकलीफों का सामना करना पड़ेगा । आटे की मूर्तियों का उपयोग मछलियों के चारे के रूप में भी होगा जिनका गङ्गा की स्वच्छता में योगदान है ।
बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों द्वारा वाटर कूलर की मांग को स्वीकृत करते हुए रत्नाकर मिश्र ने दो वाटर कूलर कचहरी कैम्पस में विधायक निधि से लगाए जाने की घोषणा की । प्रारम्भ में मिश्र ने कचहरी परिसर में मां सरस्वती का मन्त्रों के बीच पूजन अर्चन एवं दीप प्रज्जवलन किया एवं नीम तथा अशोक के पेड़ भी लगाए । विधायक का स्वागत करते हुए DFO राकेश चौधरी ने गङ्गा हरीतिमा अभियान की विस्तृत जानकारी दी तथा अष्टभुजा में स्थापित किए गए स्मृतिवनकी जानकारी दी । उन्होंने कहा कि 150 रु0 जमाकर कोई भी अपने परिजनों की स्मृति में पेड़ लगवा सकता है । उसकी रक्षा वन विभाग करेगा । इस अवसर पर रामजतन यादव, सलिल पांडेय, सुरेश त्रिपाठी, ग्रीन गुरु अनिल सिंह, साकेत पांडेय, सुधांशु चतुर्वेदी, सुनील सिंह आदि ने भी विविध दृष्टिकोणों से गङ्गा दशहरा, गङ्गा निर्मलता एवं वृक्षो की महत्ता पर प्रकाश डाला । अध्यक्षता बार एसोसिएशन के अध्यक्ष रतन मिश्र, धन्यवाद वंशराज यादव तथा सन्चालन लल्लू प्रसाद ने किया । इस अवसर पर नारायण जी उपाध्याय, कृष्णमोहन त्रिपाठी, आनन्द स्वरूप श्रीवास्तव, दिलीप श्रीवास्तव, बच्चन राम कुशवाहा, रवींद्र पांडेय आदि वरिष्ठ अधिवक्ता मौजूद रहे । छानबे से आई एक महिला कार्यकर्ता ने गीत सुनाया ।