राजू शर्मा की रिपोर्ट :
पश्चिमी चंपारण : मझौलिया प्रखंड के भिन्न भिन्न क्षेत्रों में सरस्वती पूजा की प्रतिमा बनाने में कलाकार जुट गये है। मझौलिया पुराने पेट्रोल पंप के समीप माता सरस्वती की भव्य प्रतिमा बनाई जा रही है मां सरस्वती की प्रतिमा जो आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। हालांकि महंगाई की मार से सरस्वती पूजा भी अछूता नहीं।
1000 से लेकर 10000 तक की प्रतिमा बाजार में उपलब्ध है। पंडाल ,जनरेटर, कुर्सी, साउंड,समिएना एवं पूजा सामग्री के दाम भी आसमान छू रहे हैं। इसके बावजूद भी सरस्वती पूजा को लेकर छात्र-छात्राओं का उत्साह चरम पर है वहीं मूर्तिकारों ने कला से रात दिन मां वीणा वादिनी की प्रतिमाओं को आकर्षण और खूबसूरत बनाने में लगे हैं मूर्ति कलाकारों ने बताया कि महंगाई में उनके पुश्तैनी धंदा का बेड़ा गर्क कर दिया है। मूर्ति बनाने के लिए मिट्टी, लकड़ी ,बॉस प्वाल साज सज्जा की सामग्री महंगी दामो में खरीदना पड़ता है।
महंगाई की असर है कि लोग मां सरस्वती के कलैंडर और फोटो के सामने ही माथा टेक अपनी आराधना पूरी कर लेते हैं। बताते चलें कि सरस्वती पूजा माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है। जानकारी के लिए बता दें कि प्रभु देवऋषि नारद के पूछे जाने पर प्रभु नारायण ने बताया कि माघ मास शुक्ल पंचमी विद्यारम्भ की मुख्य मुहूर्त तिथि हैं। पूर्वाहन काल मे भूति पूर्वक कलश स्थापना कर गणेश पूजा के पश्चात मां शारदे का पूजन सर्वोपरि माना गया है ।
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