नई दिल्ली : पुलवामा हमले के बाद पाकिस्तान के खिलाफ किये गए एयर स्ट्राइक के बाद जहाँ देश भर में जश्न का माहौल है। लोग केंद्र की मोदी सरकार व भारतीय सेना की इस कार्यवाही के लिए जमकर तारीफ कर रहे हैं, वहीँ भारतीय वायुसेना द्वारा पाकिस्तान के खिलाफ की गई कार्यवाही से पाकिस्तान में हड़कंप मचा हुआ है। वहीँ जानकारी के मुताबिक पीएम मोदी ने खुद साउथ ब्लॉक में बने सिचुएशन रूम में पूरे ऑपरेशन की निगरानी की।
सूत्रों के मुताबिक रक्षा मंत्री को पाकिस्तान से बदला लेने के लिए कई विकल्प दिए गए थे। एयर स्ट्राइक का पूरा प्लान खुद वायुसेना प्रमुख बीएस धनोआ ने बनाया था। इसके बाद सेना और वायुसेना ने एलओसी के आसपास हवाई सर्विलांस किया। इसके लिए ड्रोंस का इस्तेमाल किया गया। जिन कैंप को निशाना बनाया गया, उनकी पहचान 20-21 फरवरी के बीच ही कर ली गई थी। मुख्य हमले से पहले रिफ्यूलर टैंक ने ट्रालय उड़ान भरी थी। मुख्य हमले में वायुसेना ने लेजर गाइडेड बम का इस्तेमाल किया।
विश्वस्त सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक वायुसेना के पास मिराज लड़ाकू विमान की तीन स्क्वाड्रन हैं, जिनमें से दो का इस्तेमाल इस ऑपरशेन में किया गया। इन दोनों स्क्वाड्रन से 6-6 फाइजर जेट लिए गए। इसके साथ ही रिफ्यूलर टैंकर भी था, इसका मतलब है कि अगर रास्ते में किसी विमान का ईंधन खत्म हो जाता तो उसे हवा में ही भरा जा सकता था। इसके साथ ही एक एवेक्स विमान ने भी भटिंडा एयरवेस से उड़ान भरी, इसने उस इलाके की जांच की जहां से इन मिराज विमानों को जाना था।
इसने जांचा कि इस इलाके में कोई पाकिस्तानी जहाज को उड़ान नहीं भर रहा। बॉर्डर पर एलओसी पर नजर रखने के लिए हमले में ड्रोन का भी इस्तेमाल किया गया। इसके बाद 12 मिराज 2000 विमानों ने एलओसी क्रॉस की, इसके बाद पीओके क्रॉस कर खैबर पख्तूनख्वा तक पहुंचे। वहां पर मनसेना जिले के बालाकोट में जैश के सबसे पुराने कैंप पर हमला किया। इन विमानों ने लेजर गाइडेड बम का इस्तेमाल किया, इस दौरान 20-22 मिनट तक ऑपरेशन को किया।
पुलवामा अटैक में 40 जवानों के शहीद होने के बाद से ही भारत के बड़ी कार्रवाई करने का अंदेशा लगाया जा रहा था। बता दें कि पुलवामा हमले के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि सेना को किसी भी तरह की कार्रवाई करने की पूरी छूट दी गई है।