नई दिल्ली : दक्षिण कोरिया की यात्रा पर पहुंचे पीएम मोदी को आज सियोल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया। सियोल के ब्लू हाउस में पीएम मोदी का दक्षिण कोरियाई राष्ट्रपति मून-जे-इन और फर्स्ट लेडी किम जंग सूक ने स्वागत किया। इस अवसर पर जहाँ पीएम मोदी ने भारत और दक्षिण कोरिया के रिश्तों की अहमियत को सबके सामने रखा, वहीँ उन्होंने कहा कि सियोल शांति पुरस्कार का मिलना मेरे लिए सम्मान का विषय है।
पीएम मोदी ने कहा कि मैंने अनुभव किया है कि भारत की एक्ट ईस्ट पॉलिसी और कोरिया की नई दक्षिणी नीति का तालमेल हमारी विशेष रणनीतिक साझेदारी को मजबूती देने का मंच प्रदान कर रहा है।’ बता दें कि दक्षिण कोरिया में पीएम मोदी को शांति पुरस्कार दिया जा रहा है। मोदी सियोल शांति पुरस्कार पाने वाले 14वें व्यक्ति हैं।
उन्होंने कहा, ‘मैं जब प्रधानमंत्री नहीं बना था, तब से यह बात कहता आ रहा हूं कि भारत के विकास के लिए कोरिया का मॉडल शायद सबसे अनुकरणीय हैं। कोरिया की प्रगति भारत के लिए प्रेरणा का स्रोत है। इसलिए कोरिया की यात्रा करना मेरे लिए प्रसन्नता का विषय होता है। पिछले दिनों पुलवामा में हुआ आतंकी हमले के बाद राष्ट्रपति मून के संवेदना और समर्थन भरे संदेश के लिए मैं दिल से उनका आभार प्रदान करता हूं।’
पीएम मोदी ने कहा कि इंडो-पैसिफिक के संबंध में भारत का विजन समावेशिता, आसियान की केन्द्रीयता और साझी समृद्धि पर विशेष जोर देता है। पुलवामा में हुए आतंकी हमले के बाद, राष्ट्रपति मून के संवेदना और समर्थन के संदेश के लिए हम उनके आभारी हैं। हम आतंकवाद के खिलाफ अपने द्विपक्षीय और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग और समन्वय को और अधिक मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
पीएम ने कहा कि आज भारत के गृह मंत्रालय और कोरिया की राष्ट्रीय पुलिस एजेंसी के बीच संपन्न हुआ एमओयू हमारे आतंकवाद विरोधी सहयोग को और आगे बढ़ाएगा। अब समय आ गया है कि वैश्विक समुदाय भी बातों से आगे बढ़ कर, इस समस्या के विरोध में एकजुट हो कर कार्यवाही करें।
उन्होंने कहा कि हमारी बढ़ती साझेदारी में रक्षा क्षेत्र की अहम भूमिका है। इसका उदहारण भारतीय थल सेना में के-9 ‘वज्र’ आर्टिलरी गन के शामिल होने में देखा जा सकता है। रक्षा उत्पादन में सहयोग को आगे बढ़ाने के लिए हमने रक्षा तकनीक और सह-निर्माण पर एक रोडमैप बनाने के लिए भी सहमति की है।