संतोष शर्मा की रिपोर्ट :
बलिया : बैरिया थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्रामपंचायत बैजनाथपुर गांव की एक पांच वर्षीय लड़की के मौत को लेकर गांव के एक वृद्ध महिला द्वारा बच्ची को डायन करके मारने का आरोप लगाकर डायन करार देकर कुछ महिलाओं ने उसे मारपीट कर घायल कर दिया।
प्राप्त जानकारी के अनुसार मंगलवार की रात संगीता(5) पुत्री विनोद तुरहा बैजनाथपुर निवासी की अचानक तबीयत बिगड़ी और उसकी मौत हो गई।जिसके बाद परिवार की महिलाओं ने गांव के ही एक अधेड़ महिला सुमिरती देवी(60)पत्नी मैना तुरहा पर डायन बच्ची को मारने का आरोप लगाया और उस महिला को मारने पीटने लगे।बच्ची के पिता विनोद तुरहा पुत्र लगन तुरहा का कहना था,की जादू टोना करने मे माहिर हैं।
उक्त डायन महिला को विगत पांच दिन पहले हमारी बेटी ने किसी कारण वश गाली दे दी थी।जिससे नाराज होकर उक्त महिला ने हमारे बच्ची को डायन कर दिया था, जिसके बाद उसकी तबीयत खराब होने से उसकी मौत हो गई है।बच्ची के मौत से नाराज़ परिवार की महिलाओं से नोक झोंक होने लगी।इसकी सूचना गांव के किसी व्यक्ति के द्वारा इस घटना की सूचना पर पहुंची पुलिस के बीच बचाव के बाद महिला की जान बची।और उस महिला को इलाज के लिए सोनबरसा अस्पताल भेजा गया।और बच्ची के शव को पुलिस अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
बच्ची के पिता ने इस घटना में महिला पर कार्रवाई के लिए बैरिया थाने में तहरीर दिया गया है।इस बाबत प्रभारी थानाध्यक्ष शिव कुमार यादव से पुछा गया तो बताया गया की आवेदन मिला है।जांच किया जा रहा है।बता दें की उक्त गांव की यह पहली घटना नहीं है।विगत एक माह पहले एक पच्चास वर्षीय पुरुष की मौत सर्प दंश से हो गई थी।इस घटना को भी लेकर परिवार व गांव के लोगों ने उक्त महिला पर आरोप लगाया गया था कि महिला ने ही सर्प को डंसने के लिए भेजा था। लेकिन अगल बगल गांव के कुछ बुद्धिजीवियों के समझने पर मामला शांत हो गया था।विज्ञान इतना तरक्की कर लिया परन्तु आज भी जोग टोना पर इतना विश्वास करना कितना सही है।
आधुनिकता के युग में द्वाब में हावी है अंधविश्वास
आज दुनिया आधुनिकता के साथ तरक़्क़ी के साथ उजाले की ओर बढ़ रही है वही द्वाबा वासी अभी भी अंध विश्वास के अंधेरे में डूबे हुए हैं।अंध विश्वास में जकड़े लोग जिस पर अंगुली उठा देते हैं उसे डायन समझा जाता है स्नातकोत्तर महाविद्यालय सुदिष्ट पूरी के प्राचार्य सुधाकर तिवारी ने बताया कि किसी महिला को डायन कह प्रताड़ित करना बहुत ही संवेदनशील मामला है ऐसे मामले अक्सर अशिक्षा के वजह से ही सामने आती है।जरूरत है शिक्षित व्यक्ति आगे आयेऔर ऐसी मानसिकता रखने वालों में जागरूकता लाये और अंधविश्वास से ऊपर उठने में उनकी मदद करे।
मनोविज्ञान के प्रोफेसर विजय बहादुर सिंह ने कहा कि अफ़सोस की बात यह है कि भले ही हम आज 21वी सदी के दहलीज पर खड़े हैं विकास के नए मानदंड खड़े कर रहे हैं मगर अभी भी हमारे समाज में कई ऐसी प्रथा एवं परंपराएं है जो पिछड़ी मानसिकता के धोतक है ।इसकी मुख्य वजह अशिक्षा व अंधविश्वास है इस तरह की घटनाएं ग्रामीण इलाकों में होती है जहाँ शिक्षा एवं स्वकच्छता का आभाव होता है ऐसे पिछड़े इलाकों में ओझा व तांत्रिको के कहने पर किसी महिला को डायन करार दिया जाता है।
कांग्रेस उम्मीदवार उदित राज ने भरा नामांकन, रैली में इंडिया गठबंधन के कार्यकर्ता शामिल रिपोर्ट:…
El breve Versión: entre los formas más efectivas de impulsar descansar es por crear tu…
Algunos ocasiones trascendentes han hecho antecedentes y moldearon los destinos de generaciones por venir. La…
Sitio web Detalles: Cost: 8 crédito tienintercambio de parejas liberalesn a ser 13,92 AUD. 25…