नई दिल्ली : लोकसभा चुनाव के घोषणा के साथ हीं राजनीतिक पार्टियों ने ऐसे मुद्दे की तलाश शुरू कर दी है, जिसके जरिये एक दूसरे पर निशाना साधा जा सके। एयर स्ट्राइक को लेकर जारी घमासान के बीच अब एक बार फिर कांग्रेस को नोटबंदी की याद आयी है। चुनावी मौसम में नोटबंदी को मुद्दा बनाते हुए कांग्रेस ने मोदी सरकार को घेरने की तैयारी शुरू कर दी है।
कांग्रेस ने भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के केंद्रीय बोर्ड की बैठक के विवरण का हवाला देते हुए सोमवार को दावा किया कि नोटबंदी के लिए प्रधानमंत्री ने कालेधन पर अंकुश लगने सहित जो कारण गिनाए थे उन्हें केंद्रीय बैंक ने इस कदम की घोषणा से कुछ घंटे पहले ही नकार दिया था, इसके बावजूद नोटबंदी का फैसला उस पर थोपा गया।
पार्टी के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने आरबीआई के केंद्रीय बोर्ड के बारे में आरटीआई से मिली जानकारी का ब्योरा रखते हुए यह भी कहा कि लोकसभा चुनाव के बाद कांग्रेस की सरकार बनी तो नोटबंदी के बाद करचोरी के लिए पनाहगाह माने जाने वाली जगहों पर पैसे ले जाने में असामान्य बढ़ोतरी तथा देश के बैंकों में असामान्य ढंग से पैसे जमा किए जाने के मामलों की जांच की जाएगी।
कांग्रेस नेता ने दावा किया, ‘नोटबंदी को लेकर जो कारण दिये गए थे, उनको आरबीआई के केंद्रीय बोर्ड ने नकारा था। इन सबके बावजूद आरबीआई ने कहा कि वह नोटबन्दी के साथ है। इसका मतलब कि आरबीआई पर दबाव डाला गया। नोटबंदी का फैसला उस पर थोपा गया था।’ उन्होंन आरोप लगाया था कि नोटबंदी एक ‘तुगलकी फरमान’ और ‘घोटाला’ था जिसने भारतीय अर्थव्यवस्था को तबाह कर दिया।
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