लखनऊ : राज्य सरकार के मातहत काम करने वाले मौजूदा कर्मचारियों व रिटायर्ड कर्मचारियों को प्रदेश की योगी सरकार ने तगड़ा झटका दिया है। सरकार ने कर्मचारियों के इलाज़ संबंधी नया आदेश जारी किया है, जिसमें राज्य कर्मचारियों और सेवानिवृत्त कर्मचारियों को सिर्फ सरकारी अस्पताल में हीं इलाज़ कराने को कहा गया है। निजी अस्पतालों में इलाज कराने पर सरकार समायोजन का भुगतान नहीं करेगी। इस संबंध में प्रमुख सचिव स्वास्थ्य ने आदेश जारी कर दिया है।
मौजूदा समय में बेहतर इलाज के चलते राज्य कर्मी या सेवानिवृत्त कर्मचारी इमरजेंसी या अन्य कारण बताकर प्राइवेट अस्पतालों में इलाज के लिए रेफर करवा लेते थे। इस दौरान आने वाले खर्च का समायोजन हो जाता था। इसमें 10 फीसदी की कटौती होती थी। अब इस पूरी प्रक्रि या को ही खत्म कर दिया गया है।
वहीँ राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के कार्यकारी अध्यक्ष भूपेश अवस्थी ने बताया कि 15 दिन पहले प्रमुख सचिव स्वास्थ्य ने हाईकोर्ट में एक याचिका के आधार पर प्राइवेट अस्पतालों में इलाज के बाद समायोजन पर रोक लगा दी है। उनके मुताबिक सरकारी अस्पतालों में इलाज की सुविधा किसी से छिपी नही है। बेहतर इलाज की व्यवस्था न मिलने के कारण ही कर्मचारी या सेवानिवृत्त कर्मी प्राइवेट अस्पतालों में रेफर करवाते हैं।
उनका कहना है कि इस आदेश के संबंध में प्रमुख सचिव स्वास्थ्य से बात की गई है, लेकिन अभी कोई सकारात्मक बात नहीं हुई। जल्द ही मुख्य सचिव से भेंट की जाएगी। इस आदेश को वापस लेने या फिर नई व्यवस्था की मांग की जाएगी।
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