रामकृष्ण पाण्डेय की रिपोर्ट
भदोही, उत्तर प्रदेश के भदोही ज़िले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आज आ रहे हैं।यह जिला देश और दुनिया में कालीन उद्योग के लिए जाना जाता है। सीएम लखनऊ से सीधे सुबह 10 बजे भदोही के भिगारीपुर मैदान में सरकारी हेलीकाप्टर से लैंडिंग करेंगे। मुख्यमंत्री बनने के बाद उनका पहला आगमन है। यहां वह 200 करोड़ की लागत से बने कारपेट एक्सपो मार्ट के साथ कई परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास करेंगे। इसके बाद काशी प्रांत के सांसद और प्रतिनिधियों के साथ पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ बैठक करेंगे। गेहूं क्रय केंद्रों का भी निरीक्षण करने के साथ जिला मुख्यालय केशवपुर सरपतहां में अफसरों और जनप्र्रतिनिधियों के साथ कानून-व्यवस्था की समीक्षा के बाद शाम पांच बजे पुलिस लाइन से सीधे लखनऊ
लौट जाएंगे। मुख्यमंत्री के आममन की सभी प्रशासनिक तैयारियां पूरी हो गयी हैं। लेकिन भदोही जिले की जनता का काफी उम्मीदें बंधी हैं। जनहित से जुड़े ऐसे तमाम मसले हैं जिसका हल आज तक किसी सरकार से नहीं निकला। भदोही की जनता को मुख्यमंत्री से बड़ी उम्मीद है। देखना है योगी इन उम्मीदों पर कितना खरे उतरते हैं।
जिले के रामपुर गंगा घाट पर सालों से सेतु निर्माण की मांग उठ रही है, लेकिन अभी तक नहीं बन पाया है। वहीं पड़ोसी जिले इलाहाबाद के बरौत के टेला में भी गंगा नदी पर अभी तक सेतु नहीं बन पाया है। यह इलाका भदोही संसदीय क्षेत्र में आता है। उफनती गंगा में दोनों घाटों पर स्टीमर या छोटी नावों से लोग इस पार से उस पर जाते हैं।जिसकी वजह से आये दिन बड़ी दुर्घटनाएं होती हैं। गोपीगंज में सरकारी बस डिपो नहीँ है । औराई चीनी मिल सालों से बंद पड़ी है।
राष्टीय राजमार्ग पर अभी तक टामा सेंटर का निर्माण नहीं हो सका है। यहां आए दिन सड़क दुर्घटनाओं में समय पर इलाज न मिलने की वजह से हर वर्ष सैकड़े लोगों की जान चली जाती है। जिला अस्पताल महाराजा चेतसिंह से लेकर भदोही का एमबीएस और गोपीगंज का सामुदायिक अस्पताल सिर्फ रेफरल यूनिट के रुप में काम करते हैं। हादसों का शिकार व्यक्ति अस्पताल नहीं पहुंचा इसके पहले रेफर कागजात तैयार रहता है।
तीसरी सबसे बड़ी समस्या जिले के दक्षिणांचल के डीघ ब्लाक के कटरा-कानिया इलाके की है। यहां गंगा की कटान की वजह से कई गांवों का अस्तित्व सीमट गय है, लेकिन अभी तक इस कटान और बाढ़ को रोकने के लिए दीर्घकालिक नीति नहीं बन पायी है। चैथी समयस्या भदोही जिले का मुख्य उद्योग कालीन है। लेकिन कालीन उद्योग को अभी तक कोई खास सहूलियत नहीं मिल पायी है। मुख्यमंत्री एक्सपो मार्ट सौंपने जा रहे हैं यह अपने आप में बड़ी उपलब्धि है, लेकिन कभी यह उद्योग लोगों के रोजी-रोटी का जरिया था लेकिन आज ऐसा नहीं है। लोगों का मोह कालीन उद्योग से भंग हो गय है। इसके अलावा सुरियावा को तहसील बनाने की मांग अर्से से उठ रही है , लेकिन अभी इसका आश्वाशन नहीँ मिल पाया है।
पांचवी बड़ी समस्या परिवहन की है जिले को अभी तक राजकीय बस सेवा से आंतरिक रुप से नहीं जोड़ा जा सका है। जिला मुख्यालय पहुंचने के लिए सुरियावां, अभिया, औराई, भदोही, मोढ़, दुर्गागंज, डीघ जैसे सुदूर ग्रामीणांचल इलाकों से कोई सुविधा उपलब्ध नहीं है। जिले में तकनीकी शिक्षा के लिए कोई भी बेहतर संस्थान नहीं है। उत्तर प्रदेश के सबसे पुराने काशी नरेश राजकीय कालेज को आज तक विश्वविद्यालय का दर्जा नहीं हासिल हो पाया है। जिसकी लड़ाई काफी अर्से से लड़ी जा रही है। मंडल मुख्यल मिर्जापुर जाने के लिए सरकारी बस सेवा उपलब्ध नहीं है। ग्रामीण सड़कों की हालत खस्ता है। अभी सड़कें गड्ढा मुक्त नहीं हो पायी हैं। सड़कों का निर्माण पूरी तरह मानक के विपरीत है। ग्राम पंचायतों सुलभ शौचाल के निर्माण भी धांधली की गयी है। विकास कार्यों में बंदरबांट जग जाहिर है। अब देखना है यह है कि मुख्यमंत्री भदोही जिले को क्या सौगात देते हैं। सभी की निगाहें मुख्यमंत्री की घोषणाओं पर टिकी हैं।