सुनील विश्राम की रिपोर्ट :
चन्दौली : विगत 15 अप्रैल को ट्रांसपोर्टर के ऑफिस पर फायरिंग व डेढ़ करोड़ रुपए की रंगदारी मांगने वाले बाबर गिरोह के तीन सदस्यों को पुलिस ने सोमवार को गिरफ्तार कर उनके पास से दो अदद रिवाल्वर 4 जिंदा कारतूस एवं घटना में प्रयुक्त 5 मोबाइल सेट व एक मोटरसाइकिल बरामद कर पकड़े गए अभियुक्तों को संबंधित धाराओं में जेल भेज दिया। पर्दाफाश करने वाले टीम को एसपी ने 10000 रुपये का नगद पुरस्कार देने की भी घोषणा की।
प्राप्त समाचार के अनुसार रंगदारी मांगने के लिए विगत 15 अप्रैल की सुबह अज्ञात बदमाशों ने कटारिया फ्लाईओवर के पास स्थित विजय ट्रांसपोर्ट के कार्यालय के गेट पर गोली चलाए जाने व धमकी भरा पत्र देने के बाद कंपनी के स्वामी दिलीप यादव व उनके भाई अनिल यादव के सामने फायर कर भागने वाले इस गुमनाम बाबर गिरोह के सक्रिय सदस्यों की तलाश में जुटी पुलिस ने अपने बुद्धि और विवेक का परिचय देते हुए इन गिरोह का पर्दाफाश करने के लिए 2015 के क्राइम अपराध को खंगालना शुरू किया तो उसमें पता चला कि अजय यादव नामक अपराधी जो कि देवरिया जेल में बंद है वह बाबर नाम के गिरोह का संचालन करता है। जिसका पता लगाने के लिए पुलिस ने सुराग के आधार पर जब ट्रांसपोर्टर मालिक दिलीप कुमार के मोबाइल पर 17 अप्रैल को दिन में 2:00 बजे एक अज्ञात व्यक्ति का फोन आया उसने धमकाते हुए कहा कि देवरिया जेल में बंद अजय भाई कह रहे हैं कि तुम एक हफ्ते के अंदर डेढ़ करोड़ रुपए मुझे रंगदारी के रूप में दे दो नहीं तो एक हफ्ते बाद मैं तुम्हारे दरवाजे पर नहीं अबकी गोलियां तुम्हारे सीने में दाग दूंगा। 1 हफ्ते के अंदर तुम्हें फोन करूंगा तथा बताए हुए पते पर डेढ़ करोड़ रूपय लेकर आ जाना।
ट्रांसपोर्ट मालिक ने इस बात की सूचना जब पुलिस को दी, तो पुलिस ने मोबाईल मालिक व अज्ञात के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत किया। पुलिस अधीक्षक ने टीम गठित करते हुए घटना का अनावरण करने का निर्देश दिया, जिसके क्रम में 23 अप्रैल को प्रभारी निरीक्षक अलीनगर को मुखबिर से सूचना मिली कि विजय ट्रांसपोर्ट के मालिक द्वारा रंगदारी की रकम नहीं दिए जाने पर बदमाशों द्वारा उनकी हत्या की जा सकती है।
मुखबिर के इशारे पर पुलिस ने घेराबंदी कर देवराज, अभय और सूरज सोनकर उर्फ गोलू को पकड़ लिया, जिसके कब्जे से दो अदद रिवाल्वर, चार कारतूस व रंगदारी मांगने की घटना में प्रयुक्त मोबाइल SIM तथा एक मोटरसाइकिल बरामद हुआ। पूछताछ के दौरान इन लोगों ने बताया कि अजय यादव के निर्देश के अनुसार घटना को अंजाम देते थे, जिसमें गिरफ्तार किए गए देवराज मौर्या के ऊपर जनपद मिर्जापुर, सोनभद्र, चंदौली में आधे दर्जन से अधिक मुकदमा दर्ज है। वही अभियुक्त अभय मौर्य के ऊपर चंदौली में 3 मुकदमे दर्ज हैं तथा सूरज सोनकर चंदौली जनपद में दो मुकदमो में वांछित है। इस संबंध में पुलिस अधीक्षक ने बताया कि इस रंगदारी गिरोह का पर्दाफाश करने वाले टीम को ₹10000 नगद पुरस्कार देकर हौसला बढ़ाया गया है।