नई दिल्ली : गुजरात विधानसभा चुनाव के बाद से हीं राज्य में कांग्रेस की स्थिति मजबूत नज़र होती नज़र आ रही है। हाल हीं में कांग्रेस के कुछ विधायक बीजेपी में शामिल हो गए हैं, बावजूद इसके राज्य में कांग्रेस पार्टी बीजेपी को सीधी टक्कर देती नज़र आ रही है। कांग्रेस वर्किंग कमिटी की बैठक ने कार्यकर्ताओं में नए सिरे से जोश फूंक दिया है, जिसे देखते हुए बीजेपी ने ‘स्पेशल 26’ प्लान पर काम करना शुरू कर दिया है।
2014 के आम चुनावों में मोदी लहर के चलते बीजेपी ने गुजरात की सभी 26 सीटों पर जीत दर्ज की थी, लेकिन पिछले पांच सालों में स्थिति बदल चुकी हैं। राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार बीजेपी ने शहरी क्षेत्रों में अपनी स्थिति मजबूत की है, लेकिन भगवा पार्टी की स्थिति राज्य के ग्रामीण हिस्सों में ‘कमजोर’ बनी हुई है। मोदी के नेतृत्व वाली पार्टी इन रुझानों को बदलने के लिए हर प्रयास कर रही है। हाल ही में घटे राजनीतिक घटनाक्रमों से यह और भी स्पष्ट होता है। पिछले एक महीने में कांग्रेस के चार विधायक, विशेषकर सौराष्ट्र के ग्रामीण क्षेत्रों से, बीजेपी में शामिल हो गए।
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3 फरवरी के बाद से कांग्रेस के चार विधायक जवाहर चावडा (माणवदर), परषोत्तम सपारिया (धरंगधरा), वल्लभ धाराविया (जामनगर ग्रामीण) और अशाबेन पटेल (ऊंझा) पार्टी छोड़कर बीजेपी में शामिल हो चुके हैं। गुजरात में बीजेपी ‘मिशन 26’ प्लान पर काम कर रही है। पार्टी की योजना 2014 की तरह सभी सीटों को जीतने की है। लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में पार्टी की कमजोर स्थिति उसे 2019 के चुनाव में भी नुकसान पहुंचा सकती है।
बीजेपी के एक सूत्र ने कहा कि उत्तर प्रदेश में एसपी-बीएसपी ने हाथ मिलाया है और कांग्रेस ने छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और राजस्थान में सरकार बनाई है। बीजेपी अपने पारंपरिक गढ़ गुजरात में कोई चांस नहीं देना चाहती। इसने सभी 26 लोकसभा सीटों को बनाए रखने की योजना तैयार कर ली है। इसलिए पार्टी ने कांग्रेस को पटखनी देने के लिए अपने मंझे हुए रणनीतिककारों को लगाया है।