वाराणसी एनडीआरएफ,दिल्ली मुख्यालय एन.डी.आर.एफ से सत्यनारायण प्रधान, आई.पी.एस, महानिदेशक एन.डी.आर.एफ,वाराणसी के एकदिवसीय दौरे पर पधारे। इस दौरान उन्होंने वाराणसी स्थित एन.डी.आर.एफ वाहिनी मुख्यालय का अवलोकन किया और सैनिक सम्मलेन के माध्यम से बल के सभी कार्मिकों के साथ रूबरू हुए। इस दौरान उन्होंने कहाकि बढती हुई ग्लोबल वार्मिंग और जलवायु परिवर्तन के कारण देश में बढ़ रहीं प्राकृतिक आपदाओं में एन.डी.आर.एफ के सामने नयी चुनौतियाँ सामने आयीं हैं जिनसे निपटने के लिए बल के कार्मिक पूरी तरह से सक्षम और तैयार हैं।वाराणसी के दशाश्वमेध घाट पर तैनात एन.डी.आर.एफ. टीम के साथ गंगा घाटों का अवलोकन करते हुए मीडिया से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि जैसा कि मुझे बताया गया है कि एन.डी.आर.एफ वाराणसी में आपदा प्रबंधन एवं जन-जागरूकता के क्षेत्र में अच्छा कार्य कर रही है | वाराणसी में वर्ष 2016 में आई भीषण बाढ़ और हाल ही में 2019 में आयी बाढ़ आपदा में एन.डी.आर.एफ ने प्रशासन के साथ मिलकर काशीवासियों को हरसंभव सहायता प्रदान की है | इसके अतिरिक्त एन.डी.आर.एफ सीड्स एशिया, जापान के साथ मिलकर काशी-क्योटो अग्रीमेंट के तहत वाराणसी को एक आपदामुक्त स्मार्ट सिटी बनाने में व आपदा न्यूनीकरण के क्षेत्र में अपना महत्वपूर्ण योगदान दे रही है | सड़क मार्ग से बी.एच.यू. अस्पताल पहुँचने में ट्रेफिक समस्यायों के कारण हो रही देरी से निजात पाने के लिए माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा प्रदत्त वाटर एम्बुलेंस, गंगा जलमार्ग से किसी भी प्रकार की मेडिकल इमरजेंसी के दौरान लोगों को सहायता प्रदान कर रही है | साथ ही हल्दिया से वाराणसी के बीच बन रहे जलमार्ग के निर्माण के दौरान नदी में सुरक्षा व किसी भी इमरजेंसी सिचुएशन में बचाव कार्य के लिए एन.डी.आर.एफ प्रतिबद्ध है | विदित है कि वाराणसी में विभिन्न प्रकार के धार्मिक आयोजनों, स्नान, मेलों आदि में लाखों श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए एन.डी.आर.एफ की टीमें रेस्क्यू बोट व अन्य बचाव उपकरणों के साथ गंगा के घाटों पर तैनात रहती हैं एवं एन.डी.आर.एफ की मेडिकल टीम द्वारा निशुल्क चिकित्सा शिविर के माध्यम से आने वाले श्रद्धालुओं एवं निर्धन लोगों को चिकित्सा सहायता प्रदान की जाती है | एन.डी.आर.एफ ने वर्ष 2015 से स्थापित होकर वाराणसी में होने वाली विभिन्न आपदाओं जैसे बाढ़, बिल्डिंग कोलैप्स, नदी में डूबने की घटनाओं, अग्निकांड, भगदड़, कुंए में गिरने की घटनाओं आदि में उत्कृष्ट राहत बचाव कार्य करते हुए अब तक 86 लोगों के अमूल्य जीवन को बचाया गया है, बाढ़ आपदा में 6311 लगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुँचाया गया है तथा 53 मृत शरीरों को नदी से बाहर निकाला है | इसके अतिरिक्त विभिन्न प्रकार के जनजागरूकता अभियान, स्कूल सेफ्टी प्रोग्राम और क्षमता निर्माण प्रोग्राम के तहत वाराणसी में अब तक 24310 लोगों को विभिन्न आपदाओं में प्रशिक्षित किया गया है |
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