कटिहार : जमीअत उलमाए हिन्द के कारनामे को सुंदर अक्षर में लिखे जाने के लायक हैं : शब्बीर अहमद क़ासमी

तौक़ीर रज़ा की रिपोर्ट :

कटिहार : जमीअत उलमा फलका कटिहार के जेरे एहतेमाम जमीअत उलमा मघेली पंचायत के नई कमिटी की बुनियाद के लिए मघेली जामे मस्जिद में जनाब हाफिज कलीमुद्दीन साहब खतिबो इमाम जामे मस्जिद मघेली की अध्यक्षता में एक खास मीटिंग का आयोजन किया गया। उक्त प्रोग्राम का शुरुआत मौलाना कारी अब्दुल करीम साहब क़ासमी मदरसा दारुल उलूम सबिलुर रशाद सालेह पुर की तेलावत कलामे पाक से हुआ।तेलावते कलामे पाक के बाद नबी पाक की शान में नाते पाक का नजराने अकीदत जनाब अब्दुल सत्तार भारती ने अपनी बेहतरीन आवाज में पेश किया।

गौरतलब है कि नाते कलाम के बाद हजरत मौलाना कारी शब्बीर साहब क़ासमी खादिम जमीयत उलमा कटिहार नाजिम मदरसा दारुल उलूम सबिलुर रशाद सालेह पुर महेश पुर ने जमीयत उलमा हिन्द का परिचय देते हुए उनके मक़सद को एक एक कर बारीकी से बयान किया,साथ ही साथ मौलाना ने कहा कि जमीयत उलमा हिन्द एक ऐसी कमिटी है जो हमेशा से मुल्क की तरक़्क़ी के लिए काम करती आ रही है। जमीअत उलमाए हिन्द की हमेशा यह कोशिश कर रही है कि मुल्क के तमाम फिरके एक साथ एक जुट होकर मुल्क की तामिरो तरक़्क़ी में हिस्सा लें,वहीँ जमीअत उलमाए हिन्द की इस लिए नहीं है कि जमीअत के अकाबिर व असलाफ ने मुल्क को अंग्रेजी सम्राज् से आज़ाद कराने में जानो माल की कुर्बानियों का ज़बरदस्त नजराना पेश किया था।इस मुल्क को जिंदगी के हर शोबे में बनाने और सँवारने में भी उनका अहम भूमिका रहा है, मगर बेहद अफ़सोस की बात यह है कि मुल्क का एक मख़्सूस तबका जिस को सरकार की सरपरस्ती हासिल है,और मुसलमानों को नेस्तोनाबूद कर के हिंदुस्तान को हिन्दू राष्ट्र में तब्दील करना चाहता है, इन फ़िरक़ा प्रस्त ताक़तों का मंसूबा यह है कि मुल्क को फ़िरक़ा वारिआत का शिकार बना कर मुसलमानों को मजबूर कर दिया जाये,तो वह मुल्क को छोड़ कर चले जाएं,इस लिए कभी हमारी तालीम और इबादत गाहों को निशाना बनाया जाता है, कभी मदरसा मस्जिदों को निशाना बनाया जाता है, इन तमाम हालातों में जमीअत उलमाए हिन्द हुकूमत हिन्द का जवाब देने के लिए कमर बस्ता रहती है।

मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड में मदाखलत का मामला हो या ताहफ्फुजे शरीअत पर हमला का तीन तलाक का मामला हो या फ़िरक़ा वारा ना फसादात का बाबरी मस्जिद की बा जयाबी का मामला हो या आसाम के मुसलमानों की शुहरियत का सवाल हो गाय के नाम पर मुसलमानों का क़त्ले आम हो या घर वापसी के नाम पर या जेल में बंद मुस्लिम कैदियों को इंकॉउंटर के नाम पर मौत के घाट उतार देने का मामला हो या दहशत गर्दी के नाम पर बे कसूर मुसलमानों को सलाखों के अंदर से निकालने का मामला हो जमीअत उलमाए हिन्द आगे बढ़ कर हर मामले में मुसलमानों की रहनुमाई का फ़रीज़ा अंजाम दे रहे हैं।जमीअत उलमाए हिन्द से वाबस्ता हो कर काम करेंगे।

मौलाना अब्दुल करीम को मघेली पंचायत के लिए सदर जमीअत उलमाए बनाया गया तो वहीँ नायब सदर मौलाना साबिर क़ासमी को बनाया गया, दूसरे नायब सदर के लिए जनाब मास्टर तमिजुद्दीन का चयन किया गया।जेनरल सेक्रेटरी के लिए मौलाना इब्राहिम क़ासमी दयाल पुर और नायब सेक्रेटरी मौलाना अब्दुल सत्तार भारती का चयन किया गया, खजांची मौलाना तौहीद साहब क़ासमी व जनाब तौहीद साहब का चयन किया गया।

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