तौकीर रज़ा की रिपोर्ट :
कटिहार : एक परिवार के लिए एनएच 31 जाम बरदान साबित हुआ। जाम के कारण ही इस परिवार के मासूम “रौनक” के अपहरण के बाद भी अपहरणकर्ता उसे लेकर भाग नही पाया। पुलिस ने त्वरित करवाई करते हुए बच्चे को बरामद करने के साथ-साथ आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। बड़ी बात ये भी है कि बच्चे की अपहरण का प्रयास हाल में ही जेल से अपने ही बेटा के हत्या के सजा काट कर निकले उसके नाना ने ही किया था।
“जाम से परेशान जिंदगी” की खबर तो हमेशा सुर्खियों में रहती है मगर एनएच 31 में लगी जाम अगर किसी परिवार के लिए बरदान बन जाए और जाम के कारण ही वह परिवार अपने नन्हे कलेजे के टुकड़े से दूर होने से बच जाए तो आप ताज्जुब में जरूर होंगे। चलिए सस्पेन्स को खत्म करते हुए बताते है माजरा क्या है ? दरसल मामला कटिहार बरारी थाना क्षेत्र के गुरुबजार के रहने वाले मखाना कारोबारी अमित चौधरी के मासूम पुत्र रौनक के अपहरण और बरामदगी से जुड़ा हुआ है। रौनक की माँ उपासना देवी के मामा धर्मेंद्र चौधरी बीते शाम चॉकलेट देने और मेला घूमाने के लालच देकर अपने नाती को बहला फुसला कर चुप-चाप लेकर निकल जाता है। पर घर से निकल ने के कुछ दूर बाद ही वो एनएच 31 जाम के कारण परेशान होकर कोढ़ा थाना क्षेत्र के डुम्मर पुल के पास एक गड्ढे में हाथ-पैर बांध कर बच्चे को छिपा देता है।
पुलिस की गिरफ्त में आरोपी नाना
बहुत देर तक नाना और नाती नही लौटने पर परिजन भी गहराई से खोजबीन शुरू करते है। उसी क्रम में कोढ़ा थाना क्षेत्र के डुम्मर पुल के पास हाथ-पैर बंधा हुआ हालात में रौनक की बरामदगी के साथ-साथ आरोपी नाना धर्मेंद्र चौधरी को भी पुलिस ने गिरफ्तार किया। आरोपी बच्चे को मोटरसाइकिल से बेगुसराय ले जाने की फिराक में था, जहाँ ले जाने के बाद वो शायद फिरौती का नया प्लान रचता।
अनुमण्डल पुलिस अधिकारी अनिल कुमार ने कहा की पुलिस को सूचना मिला था की राम कथा देखने गए मासूम “रौनक” लापता है। पुलिस ने तुरंत करवाई करते हुए एनएच 31 के सभी थाना पोठिया,कोढ़ा,फलका,कुर्सेला को अलर्ट करते हुए गाड़ी और मोटर साईकल के सधन तलाशी अभियान शुरू करवाया, जिसका नतीजा मासूम रौनक के बरामदगी और आरोपी नाना के गिरफ्तारी से हुआ। पुलिस ने भी इस बात को माना की जाम के कारण ही बच्चे को लेकर आरोपी ज्यादा दूर तक भाग नही पाए। वही आरोपी धर्मेन्द्र चौधरी के बारे में जानकारी देते हुए पुलिस ने बताया कि वह पहले भी अपने पुत्र के हत्या के मामले में लम्बा दिनों तक जेल में सजा काट कर हाल में ही वो बाहर निकला है। वो मुख्य रूप से बेगुसराय के रहने वाले है।
भले ही एनएच जाम इस परिवार के लिए बरदान साबित हुआ है, मगर एक सीख भी इस कहानी से सभी को लेना चाहिए की हमेशा “रिस्ते के हाई-वे” पर आँख मूंद कर भरोसा करने पर दुर्घटना हो सकता है। जैसे नाना द्वारा नाती के अपहरण के कोशिश की इस कहानी में हुई है।