संतोष कुमार शर्मा की रिपोर्ट :
बलिया : जिलाधिकारी भवानी सिंह खंगारौत ने समस्त क्रय केंद्र प्रभारियों को साफ संकेत दे दिए है कि खरीद में किसी भी स्तर पर अनियमितता करने वालों पर मुकदमा दर्ज कर जेल भेज दिया जाएगा। गुरूवार को क्रय केंद्रों के निरीक्षण के दौरान उन्होंने डिप्टी आरएमओ नरेंद्र तिवारी व अन्य केंद्र प्रभारियों को अंतिम चेतावनी दी। जिलाधिकारी ने गुरूवार को हनुमानगंज ब्लाॅक के भगवानपुर व गड़वार ब्लाॅक के नवादा में चल रहे क्रय केंद्र का औचक निरीक्षण किया। दोनों जगह न तो सही तरीके कागजात मेंटेन मिले और न ही पेमेंट का स्पष्ट विवरण उपलब्ध था। जिलाधिकारी ने दोनों प्रभारियों को सुधार की अंतिम चेतावनी देते हुए कहा कि इसके बाद तनिक भी गड़बड़ी मिली तो सीधे मुकदमा दर्ज होगा।
भगवानपुर केंद्र पर पहुंचे जिलाधिकारी ने जब एक किसान को फोन लगाकर खरीद का सत्यापन किया तो पाया कि उसने 50 कुंतल गेहूं बेचा है, जबकि कागज में 100 कुंतल खरीद दिखाई गई थी। किसानों का भुगतान भी समय से नहीं होने की बात सामने आई। इस पर नाराज जिलाधिकारी ने सवाल किया जब धनराशि है तो पेमेंट लंबित क्यों ? क्रय केंद्र प्रभारी को अंतिम मौका देते हुए शुक्रवार को सभी भुगतान कर देने की हिदायत दी। साथी ही प्रतिदिन के भुगतान की आरटीजीएस प्रति भी उपलब्ध रखने को कहा।
प्रभारी का पता नहीं, डिप्टी आरएमओ करेंगे विधिवत जांच
जिलाधिकारी जब नवादा क्रय केंद्र पर गये तो वहां की स्थिति कुछ अजीब मिली। समझ में ही नहीं आ रहा था कि आखिर वहां का जिम्मेदार प्रभारी कौन है ? खरीद का काम देख रहे व्यक्ति से जब जिलाधिकारी ने कड़ाई से पूछा तो वहां के प्रभारी व सचिव का नाम मोनू राय बताया गया। एक किसान के पास खतौनी में काफी कम खेत था और 60 कुंतल गेहूं केंद्र पर लाया था। बिचैलिया होने की आशंका पर कड़ी पूछताछ की। गड़बड़ी की आशंका पर जिलाधिकारी ने डिप्टी आरएमओ नरेंद्र तिवारी को निर्देश दिया कि तत्काल मामले की विधिवत जांच कर शाम तक रिपोर्ट दें। उन्होंने संकेत दिया है कि अगर गड़बड़ी मिली तो बड़ी कार्रवाई होगी।
क्रय केंद्र का पता तक नहीं डिप्टी आरएमओ को
निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी जब क्रय केंद्र नवादा पर जाने लगे तो साथ में मौजूद डिप्टी आरएमओ नरेंद्र तिवारी को क्रय केंद्र नवादा की जानकारी तक नहीं थी। जिलाधिकारी स्वयं प्रयास कर उस केंद्र तक गये। बता दें कि गेहूं खरीद के बेहतर संचालन की जिम्मेदारी डिप्टी आरएमओ के कंधे पर ही होती है। इस पर जिलाधिकारी ने सवाल किया कि जब क्रय केंद्र की जानकारी तक नहीं है तो निरीक्षण या खरीद की समीक्षा आखिर कैसे होती होगी ? डिप्टी आरएमओ को कड़ी चेतावनी देते हुए कार्यशैली में सुधार लाने को कहा। यह भी कहा कि जनपद के सभी केंद्रों पर पारदर्शी तरीके से खरीद कराना सुनिश्चित करें। अगर किसी केंद्र पर कोई गड़बड़ी मिले तो मेरे स्तर से कार्रवाई सुनिश्ति कराएं।
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