नई दिल्ली : किडनी-लिवर की अवैध रूप से खरीद-फरोख्त करने वाले गैंग का यूपी की कानपूर पुलिस ने खुलासा किया था। कानपुर बर्रा से पकड़े गए आरोपियों से पूछताछ में दिल्ली के कई नामचीन अस्पतालों का नाम भी सामने आया, जो इस गोरखधंधे में शामिल हैं। आरोपियों से पूछताछ में दिल्ली के जिन अस्पतालों के नाम सामने आये हैं, उनमें पीएसआरआई (पुष्पावति सिंहानिया रिसर्च इंस्टीट्यूट), फोर्टिस, गंगाराम के साथ ही इंद्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल का नाम शामिल है, जिसे नोटिस जारी किया गया है और अब एसआईटी इन चारों अस्पतालों के प्रशासनिक अधिकारियों, डॉक्टरों और कर्मचारियों से पूछताछ करेगी।
कानपुर बर्रा से पकड़े गए आरोपियों से पूछताछ में पीएसआरआई की कोऑर्डिनेटर सुनीता वर्मा और मिथुन का नाम सामने आया था। फोर्टिस की कोऑर्डिनेटर सोनिका के नाम का भी खुलासा इन्हीं आरोपियों ने किया था। इन कोऑर्डिनेटर के साथ मिलकर ही ये आरोपी किडनी और लिवर की सौदेबाजी करते थे।
इसके अलावा 2016 में हुए किडनी कांड में अपोलो अस्पताल और वहां के एक नामचीन डॉक्टर का नाम आया था। डॉक्टर के दो निजी सचिव शैलेश सक्सेना व आदित्य भी आरोपी बनाए गए थे। शैलेश इस मामले में भी जेल भेजा गया है। इसलिए एसआईटी ने अपोलो प्रबंधन को भी नोटिस भेजा है। एसपी साउथ रवीना त्यागी के मुताबिक अस्पताल स्टाफ से पूछताछ करने के साथ ही जिन लोगों के नाम पहले सामने आए थे, उनसे भी पूछताछ की जाएगी।
नोटिस मिलने के बाद अपोलो अस्पताल प्रशासन ने अपनी वेबसाइट पर किडनी कांड के संबंध में सफाई दी है। लिखा है कि पुलिस ने उनसे संपर्क किया है। जो भी संभव सहयोग होगा, अस्पताल प्रशासन साथ देगा। कहा है कि ट्रांसप्लांट की जो कानूनी प्रक्रिया है, अस्पताल प्रशासन उसे पूरा करने के बाद ही ट्रांसप्लांट कराता है। यह भी लिखा है कि पुलिस ने जिन लोगों के नाम नोटिस में दर्र्ज किए हैं, वे उनके अस्पताल के नहीं हैं।