वागीश कुमार की रिपोर्ट :
सुल्तानपुर : जनपद दोस्तपुर का मामला एक ऐसा गांव है। जहाँ नोनिहालो को कोसो दूर पढ़ने के लिये जाना पड़ता है। यहाँ के पूर्व प्रधान व् वर्तमान प्रधान ने गांव के नजदीक स्कूल की मांग की है लेकिन कई वर्षों बाद भी वही हाल है। जैसा की पहले था , जहाँ सरकार सर्व शिक्षा अभियान के तहत सब पढ़े सब बढ़े के नारों को साकार करने में जुटी है वही जनपद के इस गांव में बच्चो को स्कूल भेजने के लिये अभिभावकों को सोचना पड़ता है.
जनपद के दोस्तपुर के लोकनाथपुर पंचायत ग्राम सभा है जहाँ पर रहने वाले लोग टूटे फूटे बर्तन बनाकर , छाता बनाकर, मजदूरी कर किसी तरह जीवन यापन करते है वैसे तो यह ग्राम सभा में लगभग तीन हजार लोग रहते है लेकिन अधिकांशतः लोग गरीब परिवार से है जो किसी तरह अपने परिवार का पालनपोषण करते है इसी ग्राम सभा में एक गांव छीटे पट्टी है जहाँ पर लगभग उन्नीस सौ लोगो की आबादी है इसी गांव में एक प्राइमरी स्कूल है जो लोकनाथ पुर ग्राम से लगभग 2 किलोमीटर पड़ता है जहाँ पर किसी तरह बच्चे पढ़ने के लिये जाते है कुछ बच्चे पढ़ने जाते है तो वही बहुतायत की संख्या में बच्चे स्कूल दूर होने के कारण नही जाते है और छोटे बच्चे गांव के आंगन बाड़ी केंद्रों में शिक्षा ग्रहण कर रहे है.
बहरहाल यहाँ के पूर्व प्रधान रहे नोशाद अहमद ने गांव में बारात घर , आंगनबाड़ी केंद्र , और सड़को का निर्माण कराया था वही वर्तमान प्रधान ने सैकड़ो गरीब लोगो को इंदिरा आवास , लोहिया आवास, और शौचालय सहित सड़को का निर्माण कराया है वही बरात घर और आंगनबाड़ी केंद्र को भी एक नया रूप देने के लिये निर्माण कार्य करा रहे है.
गांव वासियो से स्कूल के सम्बन्ध में बात किया गया तो उन्होंने कहा कि स्कूल दूसरे मौजे में है जो हमारे गांव से लगभग 2 किलो मीटर दूर है जिससे हम गरीब लोग के ज्यादा तर बच्चे स्कूल नही जाते है वही गांव के विकास के बारे म बताया की पूर्व प्रधान व् वर्तमान प्रधान द्वारा आवास, शौचालय, सड़क, व बरात घर का निर्माण कराया गया है बरात घर बन जाने से हम सभी लोगो को शादी समारोह कार्यक्रम में जगह ढूढने की जरूरत नही पड़ती।