नई दिल्ली : राज्यसभा में बोलने न दिए जाने को लेकर भड़की बसपा सुप्रीमों ने राज्यसभा सांसद पद से इस्तीफ़ा दे दिया है। मायावती ने राज्यसभा चेयरमैन के दफ्तर पहुंचकर अपना इस्तीफ़ा सौंपा। इस दौरान वहां मौजूद कांग्रेस और बीएसपी सांसदों ने उन्हें मनाने की कोशिश की, बावजूद इसके मायावती अपने चैलेंज पर कायम नजर आईं और सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। अब सवाल ये है कि क्या मायावती का इस्तीफ़ा मंजूर हो जायेगा।
सवाल दरअसल इसलिए है क्योंकि संसद की सदस्यता से इस्तीफा देने के लिए जो नियम हैं, मायावती ने उनका पालन नहीं किया। नियम ये है कि संसद के दोनों सदनों का कोई भी सदस्य जब अपनी सदस्यता से इस्तीफा देता है तो महज एक लाइन में लिखकर संबंद्ध चेयरमैन या स्पीकर को सौंपना होता है, जबकि मायावती ने जो इस्तीफा राज्यसभा चेयरमैन के ऑफिस जाकर सौंपा वो तीन पन्नों का है।
नियम के मुताबिक इस्तीफे के साथ न ही कोई कारण बताया जाता है और न ही उस पर कोई सफाई दी जाती है। यानी कोई भी संसद सदस्य इस्तीफा देते वक्त इस्तीफा देने का कारण त्यागपत्र में नहीं लिख सकता। ऐसे में अब देखना ये है कि मायावती का इस्तीफ़ा मंजूर होता है या नहीं।
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