लखनऊ : सपा के कुनबे में एक बार फिर कलह के पूर्व लक्षण दिखने लगे हैं। पिछले काफी समय से सपा में अंदरूनी कलह चली आ रही है, जो चुनावों के समय पर अपने चरमोत्कर्ष पर थी, लेकिन फिर एक बार सपा दो खेमों में बंटा नज़र आ रहा है। एक बार फिर राष्ट्रपति चुनाव को लेकर मुलायम सिंह यादव के रूख ने अखिलेश यादव की मुश्किलें बढ़ा दी है।
दरअसल राष्ट्रपति चुनाव में मुलायम सिंह यादव ने बीजेपी की अगुवाई वाली NDA के कैंडिडेट को समर्थन का एलान किया है, जिसने अखिलेश की मुश्किलें बढ़ा दी है। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव संयुक्त विपक्ष के उम्मीदवार के पक्ष में हैं।
मुलायम ने बताया कि किस तरह उन्होंने राष्ट्रपति पद के लिए एपीजे अब्दुल कलाम का नाम चलाया था और एनडीए ने उन्हें प्रत्याशी बनाया।उन्होंने कहा कि यदि उम्मीदवार बेहतर छवि का होगा तो एनडीए का समर्थन किया जाएगा। हालाँकि उनका आशय था कि भाजपा का उम्मीदवार स्वीकार्य होना चाहिए। मुलायम के इस रुख से उनकी पार्टी इत्तेफाक नहीं करती।
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