नई दिल्ली : जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल ने विधानसभा भंग किये जाने के फैसले के बाद एक बाड़ा खुलासा किया है। राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने अपने फैसले को सही ठहराते हुए बड़ा खुलासा किया है। राज्यपाल ने कहा कि अगर वो दिल्ली की तरफ देखते तो उन्हें सज्जाद लोन की सरकार बनानी पड़ती। वो अपने पद के साथ बेईमानी नहीं करना चाहते थे और इसीलिए उन्होंने विधानसभा भंग किये जाने का फैसला लिया।
श्रीनगर में एक कार्यक्रम में राज्यपाल मलिक ने कहा कि दिल्ली की तरफ देखता तो सज्जाद लोन की सरकार बनानी पड़ती। मैं नहीं चाहता इतिहास में मुझे बेईमान इंसान के तौर पर याद किया जाए। मैंने मामले को ही खत्म कर दिया है। अब गाली की परवाह नहीं है। मैं संतुष्ट हूं कि मैंने जो किया सही किया।
जम्मू-कश्मीर में सरकार बनाने के दावों के बीच 21 नवंबर को राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने विधानसभा भंग कर दिया था। महबूबा मुफ्ती की पार्टी पीडीपी ने कांग्रेस और नेशनल कांफ्रेंस के साथ मिलकर सरकार बनाने का दावा फैक्स के जरिए पत्र भेजकर किया था, जिसके ठीक बाद बीजेपी के समर्थन से पीपल्स कांफ्रेंस के नेता सज्जाद लोन ने भी सरकार बनाने का दावा पेश किया था।
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