रामकृष्ण पांडेय की रिपोर्ट :
भदोही: पूर्वांचल के वाराणसी और आसपास के जिलो में अपराधियों को वारदात के बाद रामचन्द्र मौर्या उर्फ नेता ही सबको शरण देता था। जिले के सुरियावा थाने के कोल्हूआ पाण्डेयपुर निवासी को पुलिस ने चार दिन पूर्व कौड़र गेट के पास मुठभेड़ में पकड़ा था। इसका आपराधिक रिकार्ड खंगालने के बाद पता चला है कि इसने अपने घर को बदमाशों की शरण स्थली बना रखी थी। कभी वह दौर था जब दीपक सिंह बिहडा, बच्चा यादव, महाजन पटेल, उमेश यादव पहलवान, बबलू यादव,सतीश गुप्ता के साथ मिलकर पूर्वांचल पुलिस की नाक में दम कर दिया था। बड़े अपराध अपहरण, फ़िरौती, हत्या जैसे जघन्य घटना को अंजाम देने वाले अपराधियों को यह शरण देता था। इन लोगों की मुलाकत वारणसी जेल में ही हुई थी। इस गैंग ने पूर्वांचल में कई लूट व हत्या की घटना को अंजाम दिया था।
इस गैंग ने भेलूपुर थानांतर्गत व्यापारी मनीष का अपहरण करके सनसनी मचा दी थी। फिर पुलिस टीम ने गियर चेंज किया तो भागने का टाइम अब अपराधियों का था। पुलिस के चुनिंदा बहादुर टीम जिसमे शिवानंद मिश्रा, गिरजाशंकर त्रिपाठी, अमरेश बघेल, विवेक सिंह, विजय प्रताप सिंह , अमित मिश्रा, वृन्दावन राय, गिरीश त्रिपाठी, अमित मिश्रा ,ज्ञानेंद्र सिंह वाराणसी एसओजी टीम व एसटीएफ की यूनिट ने चुनचुन के सबका बारी बारी एनकाउंटर किया। बाद में अपहृत मनीष को सकुशल बचाया गया। इसके बाद इस टीम ने भदोही जनपद में इण्डिया बैंक की कैश वैन लूटने का असफल प्रयास किया, जिसमें बैंक गार्ड ने बहादुरी दिखाते हुए लिप्पन तिराहे पर ही लोहगाज़र जौनपुर निवासी अभिषेक सिंह पुत्र-मृणाल को मौके पर ही मार गिराया, बांकी टीम फरार हो गई थी , जिसका इनामिया सतीश गुप्ता आज भी भदोही व वाराणसी पुलिस के लिए 13 वर्षो से पहेली बना हुआ है । दोनों जिलो से आज भी इनाम घोषित है। सिकन्दर व शमीम कसाई लापता है
एसपी सचीन्द्र पटेल के जांबाजो में अजय सिंह, सत्येन्द्र यादव और सचिन झां समेत अन्य ने जिस शातिर नेता को दबोचा था, वह ऐसे ही डॉन नही बना था। जब सभी साथियों का बारी बारी एनकाउंटर होने लगा तो रामचन्द्र ने अपने अपराध का तरीका भी बदल दिया। पूरा ग्रुप बिखर गया। फिर इसने नई टीम बनाई, जिसमें सिकन्दर , पिंटू मिश्र, सुलतान पुर निवासी उमेश पांडेय के साथ अन्य जनपदों में वाहन चोरी करने लगा। पुलिस रिकॉर्ड के हिसाब से 20 से ज्यादा वाहन चोरी और 50 से ज्यादा वाहन बरामद करा चुका है। एक चर्चित भट्ठा व्यवसाई ने इसको गोली मार दिया था लेकिन अस्पताल में बच गया। भदोही के कुछ लोकल लड़कों व पूराने हिस्ट्रीशीटर को मिलाकर जिसमे खेतेई बिंद, दग्धा हरिजन, संतोष यादव जो अभी ज्ञानपुर जेल में है को 2015 में जेल भेजा था। पुलिस को बताया कि नई टीम तैयार किया दिन में वाहन चोरी तो रात में घरों में चोरी करने लगी।
तीसरी बार इसकी गिरफ्तारी एसओजी ने वर्ष 2011 मे किया। 2015 में ही दोबारा पकड़ा गया तब 08 चोरी के वाहन व भारी मात्रा में लैपटॉप, कंप्यूटर, घरों के कीमती समान,कैश बरामद हुआ था। लेकिन इस बार 2018 की गिरफ्तारी में हैरान कर दिया। सबको क्योंकि तमंचे के साथ बम का भी प्रयोग करने लगा। अपराध जगत में कदम ट्रेन की छोटी मोटी चोरी व जहरखुरानी से किया था। लगभग 15 मुकदमे तो कैंट वाराणसी में ही है,जबकि भदोही, इलाहाबाद, लखनऊ, मिर्ज़ापुर, जौनपुर से कुल 53 से ज्यादा मुकदमा पंजीकृत है। इसकी गिरफ्तारी से जहाँ पूर्वांचल पुलिस को बड़ी राहत मिली है वहीँ भदोही पुलिस ने बड़ा गुड वर्क किया है।
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