नई दिल्ली : आरबीएआई द्वारा हाल हीं में जारी रिपोर्ट में ये खुलासा हुआ कि नोटबंदी का कोई फायदा नहीं हुआ। मोदी सरकार की मंशा नोटबंदी कर कालेधन और भ्रष्टाचार पर नकेल कसने का था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। वहीँ नोटबंदी को विफल करने में बैंकों ने भी अहम् भूमिका निभाई। अंग्रेजी के अखबार इंडियन एक्सप्रेस ने अपनी एक रिपोर्ट में दावा किया है कि आरटीआई से मिली जानकारी के अनुसार देश के 10 बड़े डिस्टिक सेंट्रल कोऑपरेटिव बैंकों ने नोटबंदी के दौरान बड़े पैमाने पर 500 और 1000 रुपये के नोट बदले गए। हैरान करने वाली बात ये है कि इन बैंकों का बीजेपी, कांग्रेस, एनसीपी और शिव सेना के नेताओं के हाथ में है।
रिपोर्ट के अनुसार नेशनल बैंक ऑफ एग्रीकल्चर एंड रूरल डेवलपमेंड (नाबार्ड) से आरटीआई के तहत मिली जानकारी के अनुसार नोटबंदी के दौरान देश में 370 डिस्टिक सेंट्रल को ऑपरेटिव बैंकों में नोट बदले गए। इन बैंकों में 22270 करोड़ रुपये कीमत के 500 और 1000 के नोट बदले गए। इसमें से 18.82 फीसदी (4191.39 करोड़) रुपया मात्र 10 बड़े बैंकों में बदला गया। प्राप्त जानकारी के अनुसार इन 10 बड़े बैंकों में से 04 बैंक गुजरात में स्थित हैं वहीं 04 महाराष्ट्र में स्थित हैं. एक बैंक हिमांचल प्रदेश व एक कर्नाटक में स्थित है।
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