साजिद अंसारी और अनिल सिंह की रिपोर्ट :
मिर्ज़ापुर : मुकदमा दर्ज होने व निलंबित किए जाने से क्षुब्ध सहकारी समिति के सचिव लामबंद हो गए हैं। वे मंगलवार को कलेक्ट्रेट में प्रदर्शन किया। कहा कि चावल जमा कराने की जिम्मेदारी पीसीएफ की होती है इसलिए चावल घोटाले में दर्ज मुकदमा व उनका निलंबन वापस किया जाए नहीं तो आंदोलन तेज किया जाएगा।
पांच करोड़ रुपये के कथित चावल घोटाले में चुनार तहसील के आधा दर्जन सचिवों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है। मुकदमा दर्ज करने के बाद इन सचिवों को निलंबित कर दिया गया है। संघ के अध्यक्ष कृष्ण प्रसाद दुबे ने कहा कि सहकारी समितियों के सचिवों का काम केवल धान खरीद कर राइस मिलरों को उठान कराना है। इसके बाद चावल जमा करने की जिम्मेदारी पीसीएफ की होती है। यदि कोई मिलर चावल नहीं जमा किया है तो कार्रवाई उसके खिलाफ या चावल न जमा करने वाले विभाग पीसीएफ के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई होनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि चावल घोटाले में सहकारी समितियों के सचिवों को अनावश्यक बलि का बकरा बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सचिवों के खिलाफ दर्ज मुकदमा वापस लिया जाए व उनको पूर्ववत बहाल किया जाए। ऐसा नहीं हुआ तो पूरे जिले के सचिव हड़ताल व आंदोलन तेज करने के लिए बाध्य होंगे।
ये रही मुख्य मांगें
समितियों के सचिवों ने प्रदर्शन के बाद जिलाधिकारी के नाम संबोधित सात सूत्रीय मांग पत्र सिटी मजिस्ट्रेट को सौंपा। जिसमें मुकदमा व निलंबन वापस करने, चावल की वसूली पीसीएफ से करने, केंद्रों पर पर्याप्त बोरा पैसा मुहैया कराने, बोरा पैसा के अभाव में लक्ष्य की पूर्ति न होने, क्रय किए गए गेहूँ धान का उठान कराने की माँग की है।